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Surya Grahan 2023 Date: साल का आखिरी सूर्य ग्रहण आज, भारत में दिखेगा या नहीं? जानें टाइमिंग और सावधानियां

Surya Grahan 2023 Date: साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर यानी आज रात 08 बजकर 34 मिनट पर लगेगा और रविवार, 15 अक्टूबर को देर रात 02 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगा. यानी ग्रहण की अवधि 5 घंटे 51 मिनट की होगी. आइए जानते हैं कि यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा या नहीं.

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Surya Grahan 2023 Date: कल इस समय लगेगा सूर्य ग्रहण, भारत में दिखेगा या नहीं? जानें टाइमिंग और सूतक काल
Surya Grahan 2023 Date: कल इस समय लगेगा सूर्य ग्रहण, भारत में दिखेगा या नहीं? जानें टाइमिंग और सूतक काल

Kab Lagega Surya Grahan 2023: साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण आज रात लगने वाला है. यह सूर्य ग्रहण सर्व पितृ अमावस्या और शनि अमावस्या के संयोग में लग रहा है. सूर्य ग्रहण कन्या राशि और चित्रा नक्षत्र में लगेगा. ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण काल को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है. जब सूरज और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है, तब सूर्य ग्रहण लगता है. आइए जानते हैं कि यह सूर्य ग्रहण आज कितने बजे लगेगा. यह भारत में दिखाई देगा या नहीं और इसमें सूतक काल के नियम लागू होंगे या नहीं.

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सूर्य ग्रहण का समय (Surya Grahan 2023 Timing)
साल का दूसरा सूर्य ग्रहण शनिवार, 14 अक्टूबर यानी आज रात 08 बजकर 34 मिनट पर लगेगा और रविवार, 15 अक्टूबर को देर रात 02 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगा. यानी ग्रहण की अवधि 5 घंटे 51 मिनट की होगी. ग्रहण समाप्त होते ही अगली सुबह शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो जाएंगे.

क्या सूर्य ग्रहण भारत में दिखेगा? (Surya Grahan 2023 Timing In India)
यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लगा था. यह सूर्य ग्रहण भी भारत में दृश्यमान नहीं था.

कहां-कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण? (Surya Grahan 2023 when and where watch)
यह एक कंकड़कृति सूर्य ग्रहण है. यह सूर्य ग्रहण ग्रहण उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, मध्य अमेरिका, उत्तरी अफ्रीका का पश्चिम किनारा अटलांटिक और प्रशांत महासागर में दिखाई देगा.

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सूर्य ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा या नहीं? (Surya Grahan 2023 Sutak kaal Timing)
सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है. लेकिन सूतक काल केवल तभी मान्य होता है, जब सूर्य ग्रहण भारत में दृश्यमान हो. साल का दूसरा सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी लागू नहीं होगा.

सूर्य ग्रहण की धार्मिक मान्यता
पुराणों के अनुसार, पहला सूर्य ग्रहण समुद्र मंथन के समय लगा था. रामायण के अरण्य कांड में भी सूर्य ग्रहण का उल्लेख है. कहते हैं कि भगवान राम ने इसी दिन खर-दूषण का वध किया था. महाभारत काल में जिस दिन पांडव जुए में हारे थे, उस दिन भी सूर्य ग्रहण लगा था. फर महाभारत युद्ध के 14वें दिन सूर्य ग्रहण था, जब अर्जुन ने जयद्रथ का वध किया था. कृष्ण की नगरी द्वारका भी सूर्य ग्रहण में डूबी थी.

सूर्य ग्रहण की सावधानियां
सूर्य ग्रहण में आहार ग्रहण करने से बचना चाहिए. गर्भवती महिलाओं या बुजुर्गों को घर से बाहर जाने से बचना चाहिए. हालांकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं है, इसलिए ऐसी कोई पाबंदी नहीं रहेगी. इस समय ईश्वर के किसी स्वरूप की उपासना करें. ग्रहण काल के समाप्त हो जाने के बाद सम्भव हो तो स्नान कर लें या हाथ पैर धोकर कुछ न कुछ दान का संकल्प करें. अगले दिन सुबह किसी निर्धन या जरूरतमंद व्यक्ति को संकल्प किया हुआ दान करें.

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सूर्य ग्रहण के प्रभाव अशुभ हैं तो क्या करें?
ग्रहण के दौरान अपने गुरु मंत्र और सूर्य मंत्र का जप करें. ग्रहण के बाद अवश्य ही स्नान करें. सूर्य सम्बन्धी वस्तुओं का दान करें. गुड़, गेंहू, आटा या ताम्बे के बर्तनों का दान करना शुभ होगा.

ग्रहण काल और मंत्र जाप
योगेश्वर कृष्ण की उपासना 'श्रीकृष्ण शरणं मम' मंत्र से करनी चाहिए. भगवान सूर्य की उपासना गायत्री मंत्र का जाप करके करें. भगवान भोलेनाथ की उपासना महामृत्यंजय मंत्र से करनी चाहिए.

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