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Swami Vivekananda Jayanti 2022: जीवन में ज्यादा रिश्ते जरूरी नहीं..., स्वामी विवेकानंद की जयंती से पहले पढ़िए उनके 12 विचार

Swami Vivekananda Jayanti 2022: हर वर्ष 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद का जन्मदिन मनाया जाता है. अपने विचारों से लोगों की जिंदगी को रोशन करने वाले स्वामी विवेकानंद का जन्म साल 1863 में कोलकाता में हुआ था. इस दिन को युवा दिवस के रूप में भी सेलिब्रेट किया जाता है. आइए जानते हैं उनके कुछ विचार और जीवन जीने के सूत्र और प्रेरणादायक विचार जो जीवन में ऊर्जा भर देते हैं.

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 स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद
स्टोरी हाइलाइट्स
  • करोड़ों युवाओं को प्रेरणा देते हैं स्वामी विवेकानंद के विचार
  • 1863 में कोलकाता में हुआ था स्वामी विवेकानंद का जन्म

Swami Vivekananda Birth Anniversary: भारत में स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस को 'राष्ट्रीय युवा दिवस' के रूप में मनाया जाता है. स्वामी विवेकानंद महान दार्शनिक, आध्यात्मिक और सामाजिक नेताओं में से एक थे. उनकी जयंती को पूरा देश युवा दिवस के रुप में मनाता है. स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कोलकाता में हुआ था. वे एक सच्चे राष्ट्रभक्त थे. उनका देशप्रेम किसी से छिपा नहीं है. वह लोगों की मदद करने से कभी भी पीछे नहीं हटते थे, बल्कि लोगों की सेवा करने को वह ईश्वर की पूजा करने के बराबर मानते थे. स्वामी विवेकानंद आज भी करोड़ों युवाओं को प्रेरणा देते हैं. आइए जानते हैं उनके कुछ विचार और जीवन जीने के सूत्र और प्रेरणादायक विचार जो जीवन में ऊर्जा भर देते हैं.

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प्रेरणादायक विचार
1- जिस समय जिस काम का संकल्प करो, उस काम को उसी समय पूरा करो, वरना लोग आप पर विश्वास नहीं करेंगे.
2- जीवन में ज्यादा रिश्ते होना जरूरी नहीं हैं, बल्कि जो रिश्ते हैं उनमें जीवन होना जरूरी है.
3- दिन में एक बार खुद से जरूर बात करो, वरना आप दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति से बात करने का मौका खो देंगे.
4- दिल और दिमाग के टकराव में हमेशा अपने दिल की बात सुनो
5- खुद को कभी कमजोर न समझो, क्योंकि ये सबसे बड़ा पाप है.
6- उठो, जागो और तब तक नहीं रुको, जब तक तुम अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर लेते.
7- जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी.
8- लोग तुम्हारी स्तुति करें या निन्दा, लक्ष्य तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या न हो, तुम्हारा देहांत आज हो या युग में, तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट न हो.

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छात्रों के लिए

1. पढ़ने के लिए जरूरी है एकाग्रता, एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान. ध्यान से ही हम इन्द्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त कर सकते हैं.
2. ज्ञान स्वयं में वर्तमान है, मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है.
3. उठो और जागो और तब तक रुको नहीं जब तक कि तमु अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते.
4. जब तक जीना, तब तक सीखना, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है.

 

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