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Maha Shivaratri पर 3 साल बाद खुला भगवान शिव का ये मंदिर, जानें- क्या है महत्व?

Maha Shivaratri 2022: पश्चिम बंगाल के हुगली स्थित तारकेश्वर मंदिर महाशिवरात्रि के मौके पर करीब तीन साल बाद खुला. इस मौके पर मंदिर में भक्तों का तांता लगा हुआ है. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालुओं ने पूरे भक्ति भाव से पूजा अर्जना की.

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महाशिवरात्रि पर तारकेश्वर मंदिर में पूजा करते भक्त
महाशिवरात्रि पर तारकेश्वर मंदिर में पूजा करते भक्त
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 3 साल बाद खुला हुगली का तारकेश्वर मंदिर
  • तारकेश्वर मंदिर में उमड़ी शिव भक्तों की भीड़
  • कोविड के चलते बंद था तारकेश्वर शिव मंदिर

Maha Shivaratri 2022: आज भगवान शिव की उपासना और पूजा का सबसे बड़ा पर्व महाशिवरात्रि है. इस मौके पर बीते 3 सालों में पहली बार पश्चिम बंगाल के हुगली स्थित विश्व विख्यात भगवान भोलेनाथ के मंदिर 'तारकेश्वर' के द्वार खुले. जिससे भक्तों में खुशी की लहर दौड़ गई. सुबह तड़के से ही भारी संख्या में श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे. उन्होंने धूप, अगरबत्ती जला और जलाभिषेक कर भगवान शिव की पूरे विधि-विधान से पूजा अर्चना की.

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आस्था में डूबे भगवान शिव के भक्त

महाशिवरात्रि को लेकर तारकेश्वर मंदिर में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा. श्रद्धालु अपने पूरे परिवार के साथ भगवान शिव के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे. मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में बच्चे, जवान और बुजुर्ग यानी हर उम्र के लोग नजर आए. इस दौरान भक्तों ने मंदिर में भगवान शिव की जय जय कार की. पूरा तारकेश्वर मंदिर बम बम भोले के नारों से गूंज उठा. वहीं महाशिवरात्रि के पर्व को देखते मंदिर प्रशासन ने श्रद्धाओं की सुविधाओं के पूरी तरह से इंतजाम किए. 

पुजारी ने बताया मंदिर का महत्व

पुजारी उत्पल चटर्जी ने तारकेश्वर मंदिर के महत्व को बताया. उन्होंने का कहना है कि महाशिवरात्रि और शिवचतुर्दशी के दिन तारकेश्वर मंदिर में भगवान शिव की पूजा करने का अपने आप में ही बड़ा महत्व है. यह पूजा महिलाओं के लिए बेहद खास और विशेष होती है. महिला उपवास करके भगवान भोले शंकर की दिन में चार बार पूजा करती हैं. जिससे उनके मन की सारी मुरादें पूरी हो जाती हैं. महाशिवरात्रि पर सुबह से ही भक्तों ने शिवलिंग पर जलाभिषेक शुरू कर दिया. इसके बाद मंदिर में नृत्य पूजा का आयोजन होगा. इस पूजन के बाद फिर से शिवलिंग पर जलाभिषेक करने का सिलसिला शुरू हो जाएगा. 

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(भोलानाथ साहा का रिपोर्ट)


 

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