scorecardresearch
 

Vaishno Devi: वैष्णो देवी यात्रा के क्या हैं नियम? रास्ता, प्रक्रिया और व्यवस्था के बारे में भी जानें

vaishno devi: जम्मू-कश्मीर के कटरा में स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर के भवन में नए साल के पहले दिन शनिवार सुबह बेहद दर्दनाक हादसा हुआ. यहां भगदड़ के चलते 12 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 13 लोगों के घायल होने की सूचना है. इस घटना के बाद से मंदिर में सुरक्षा इंतजामों को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. हालांकि वैष्णो देवी यात्रा को लेकर नियम काफी सख्त हैं. मंदिर तक पहुंचने के लिए 12 किमी का ट्रैक या फिर खड़ी सीढ़ियां चढ़ने का विकल्प है. वहीं बात करें मंदिर परिसर की तो यहां दर्शन से लेकर ठहरने तक की विशेष व्यवस्थाएं हैं.

Advertisement
X
वैष्णो देवी यात्रा के क्या हैं नियम, रास्ता, प्रक्रिया और व्यवस्था
वैष्णो देवी यात्रा के क्या हैं नियम, रास्ता, प्रक्रिया और व्यवस्था
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दर्शन से लेकर ठहरने तक की विशेष व्यवस्थाएं
  • यात्रा का अंतिम पड़ाव माने जाते हैं भवन के गेट

Vaishno Devi Bhawan: मां वैष्णो देवी के भवन में नए साल के पहले दिन बड़ा हादसा हुआ है. कटरा स्थित भवन क्षेत्र में भगदड़ के चलते 12 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 13 लोगों के घायल होने की सूचना है. मां वैष्णो देवी भवन के गेट इस यात्रा का अंतिम पड़ाव माने जाते हैं. यहां तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को कई पड़ाव से होकर गुजरना पड़ता है. रजिस्ट्रेशन से लेकर कई प्रकार की प्रक्रियाओं को पूरा करना पड़ता है. आइए आपको वैष्णो देवी यात्रा के नियम, रास्ता, प्रक्रिया और व्यवस्था के बारे में विस्तार से बताते हैं.

Advertisement

1- यात्रा से पहले होता है पंजीकरण 
यात्रा के लिए श्रद्धालुओं को सबसे पहले अपना पंजीकरण कराना होता है. कटरा में यात्रा शुरू करने से पहले पंजीकरण होता है. इसके लिए भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है. यहां से आपको पंजीकरण की पर्ची मिल जाएगी. इस यात्रा पर्ची के जारी होने के बाद आपको 6 घंटे के अंदर बाणगंगा मे पहली चेक पोस्ट को पार करना होगा. 

2- यात्रा के लिए दो विकल्प 
मां वैष्णो देवी के भवन पहुंचने के लिए शुरू की जाने वाली यात्रा के दो विकल्प हैं. मंदिर 5200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. इसलिए यहां पहुंचने के लिए कटरा से 12 किमी का ट्रेक लेने का विकल्प है. रास्ता अच्छा होने के कारण ट्रैक अपने आप में सुगम है. यदि आप ढलान पर नहीं चलना चाहते तो आपके पास खड़ी सीढ़ियां चढ़ने का भी विकल्प है. ज्यादातर लोग रात के समय अपनी यात्रा शुरू करते हैं, क्योंकि रात में पैदल चलने में थकान भी कम होती है, इसके अलावा यह रास्ता पहाड़ की चोटियों के बीच से होकर गुजरता है, इसलिए लोग जब यात्रा पूरी कर सुबह मंदिर के पास पहुंचते हैं तो उगते सूरज का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है. 

Advertisement

3- वरिष्ठों के लिए ये खास सुविधा
जो  श्रद्धालु पैदल चलने के इच्छुक नहीं हैं या वरिष्ठ नागरिकों के साथ यात्रा करते हैं तो उनके पास गधे या खिच्चर की सवारी करने का भी विकल्प है. एक निश्चित दर निर्धारित है, जिसका भुगतान कर ये सुविधा ली जा सकती है. हालांकि, वरिष्ठ नागरिकों के लिए बैटरी से चलने वाले ऑटो भी दिन के समय में उपलब्ध रहते हैं. 


4. ये हैं व्यवस्थाएं 
वैष्णो देवी यात्रा के दौरान खाने-पीने की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. यात्रा मार्ग में बहुत सारे भोजनालय और जलपान केंद्र हैं, जहां स्वादिष्ट भोजना मिलता है. वहीं  रुकने की बात करें तो मुख्य परिसर जिसे भवन के रूप में जाना जाता है, यहां पहुंचने के बाद आपको  मुफ्त और किराए पर आवास की सुविधा आसानी से मिल जाती है. इसके अलावा यहां शाकाहारी रेस्तरां, एक चिकित्सा केंद्र, कंबल स्टोर, क्लॉक रूम और धार्मिक प्रसाद और स्मृति चिह्न बेचने वाली दुकानें हैं. 

5. ये कागजात रखना जरूरी
वैष्णो देवी की यात्रा के लिए अपने साथ फोटो पहचान पत्र और एड्रेस प्रूफ रखना जरूरी है. पहचान पत्र के रूप में पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड और पैन कार्ड रख सकते हैं. इन कागजातों के बिना रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकता है. ऑनलाइन यात्रा पर्ची श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट से मिलेगी. वेबसाइट पर जाकर पहले आपको रजिस्ट्रेशन करना होगा. इसके बाद एक आईडी और पासवर्ड का चयन करना होगा. उपयोगकर्ता का नाम और पासवर्ड बोर्ड की वेबसाइट के होम पेज पर डालकर यहां से रजिस्ट्रेशन स्लिप ले सकते हैं.

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement