व्यक्ति को जीवन में किसी ना किसी रूप में मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है. कई बार तनाव (Stress) इतना बढ़ जाता है कि व्यक्ति डिप्रेशन (Depression) का शिकार हो जाता है. वहीं, डिप्रेशन को नजरअंदाज करने पर व्यक्ति कुछ समय के लिए अपनी सुध-बुध खो बैठता है.
वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार घर की पश्चिमी दिशा में उपस्थित वास्तु दोष के कारण तनाव या डिप्रेशन की स्थिति बनती है. पश्चिम दिशा में पैर करके सोने से तनाव बढ़ता है. वास्तु के मुताबिक तनाव में रहने वाले व्यक्ति को कभी उत्तर दिशा में सिर करके नहीं सोना चाहिए.
वास्तु के अनुसार तनावमुक्त रहने के लिए घर के मुखिया का कमरा दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए. दक्षिण या पूर्व दिशा में सिर करके सोने से तनाव या डिप्रेशन से बचा जा सकता है, इसलिए दक्षिण या पूर्व दिशा की ओर सिर करके सोने की आदत डालनी चाहिए.
वास्तु के अनुसार अविवाहित लड़के या लड़की का कमरा कभी भी दक्षिण-पश्चिम दिशा में नहीं होना चाहिए. इस दिशा में सोने से तनाव और चिड़चिड़ापन बढ़ता है.
वास्तु शास्त्र के मुताबिक सोते समय व्यक्ति का सिर उत्तर दिशा में होने से अनिद्रा संबंधित समस्याएं हो सकती हैं, जिससे तनाव उत्पन्न होता है.
शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव चंद्रमा के स्वामी माने जाते हैं. तनाव से बचने के लिए 108 बार ओम नमः शिवाय का जाप करने से नेगेटिविटी दूर होती है.
घर में कभी टूटी या चटकी हुई चीजें नहीं रखनी चाहिए. ऐसा सामान घर में रखने से रिश्तों में कलह बढ़ती है. जिसकी वजह से मानसिक तनाव रहता है.
वास्तु के अनुसार घर में दक्षिण और पश्चिम दिशा में आइना ना लगाएं. साथ ही कमरे की दीवारों पर आमने-सामने शीशा लगाने से घर में तनाव की स्थिति बनी रहती है.