बेडरूम घर का वो हिस्सा होता है, जहां दिन भर की थकान के बाद व्यक्ति आराम महसूस करता है और नींद पूरी करता है. लेकिन अगर बेडरूम की दिशा, बेडरूम में रखा सामान और सोने की दिशा वास्तु के अनुरूप नहीं है तो कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. दाम्पत्य जीवन में कलह-क्लेश, आर्थिक संकट और खासकर सेहत संबंधी परेशानियों आ सकती हैं.
घर के बेडरूम में वास्तु दोष होने से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है, जिससे पति-पत्नी के बीच तनाव रहता है. वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार बेडरूम से संबंधित कुछ बातों का ध्यान रखकर घर में पॉजिटिव एनर्जी आ सकती है.
आइए जानते हैं वास्तु के अनुसार घर का शयनकक्ष यानी बेडरूम कैसा होना चाहिए.....
> बेडरूम उत्तर-पूर्व या दक्षिण-पूर्व में नहीं होना चाहिए. दक्षिण-पूर्व में बेडरूम होने से दंपत्ति के बीच झगड़ा होता है, जबकि उत्तर-पूर्व में होने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं.
> शयनकक्ष यानी बेडरूम में आक्रामक जानवरों या प्राणियों की तस्वीरें व देवी-देवताओं की क्रोधित मुद्रा में तस्वीर या मूर्ति नहीं होनी चाहिए. हालांकि, रिश्ते को बेहतर करने के लिए राधा-कृष्ण का विग्रह लगाया जा सकता है.
> मास्टर बेडरूम जिसमें घर का मुखिया सोता है, वो नैऋत्य कोण (दक्षिण- पश्चिम का कोना) में होना चाहिए.
> बच्चों का कमरा घर के पूर्व या उत्तर-पश्चिम में होना चाहिए.
> शयनकक्ष में पूजा घर (पूजा स्थल) नहीं रखना चाहिए.
>बेडरूम का आकार चौकोर या आयत में होना चाहिए.
> शयनकक्ष में दर्पण या शीशा बेड के सामने नहीं होना चाहिए.
> वास्तु के अनुसार अनुकूल दिशा में सिर रख कर सोना चाहिए.
> बेडरूम की दीवार पर पूर्वजों की तस्वीरें नहीं टंगी होनी चाहिए.
> बेडरूम में गुलाबी, आसमानी या हल्के हरे रंग का पेंट कराएं. इससे सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है.
> बेडरूम में किसी भी तरह का अगर इलेक्ट्रॉनिक सामान है, तो उसे कमरे के दक्षिण-पूर्वी कोने में रखना चाहिए.
> बेडरूम में ऐसी कोई तस्वीर न लगाएं, जो हिंसा को दर्शाती हों. साथ ही बेड के सिरहाने वाली दीवार पर घड़ी या फोटो फ्रेम न लगाएं.