Vinayak Chaturthi 2023: भगवान शिव का प्रिय सावन का महीना चल रहा है. सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर आज विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा. यह व्रत भागवान गणेश को समर्पित है. विनायक चतुर्थी के दिन गणपति की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. चूंकि भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है. इसलिए इस दिन गणेश के विधिवत पूजन से जीवन की सारी समस्याओं का अंत हो जाता है.
विनायक चतुर्थी का महत्व
भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है. कोई भी मंत्र, जाप, अनुष्ठान गणेश पूजा के बिना सफल नहीं होता है. शास्त्रों में विनायक चतुर्थी की महिमा का बहुत बड़ा महत्व बताया गया है. इस दिन गणपति की आराधना करने से व्यक्ति को धन-लाभ, सुख-समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है. आज के दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा करने से सभी दुख समाप्त हो जाते हैं.
विनायक चतुर्थी पर 5 शुभ योग
1. सर्वार्थ सिद्धि योग- सुबह 05.53 बजे से 21 अगस्त को सुबह 04.22 बजे तक
2. रवि योग- सुबह 06.21 बजे से 21 अगस्त को सुबह सुबह 04.22 बजे तक
3. अमृत सिद्धि योग - 20 अगस्त को सुबह 5.53 बजे से पूरे दिन रहेगा
4. साध्य योग- 19 अगस्त रात 09.19 बजे 20 अगस्त को रात 09.58 बजे तक
5. शुभ योग- 20 अगस्त 2023, 09.58 बजे से 21 अगस्त को रात 10.20 बजे तक
गणेश चतुर्थी की पूजन विधि
विनायक चतुर्थी के दिन सुबह के समय ब्रह्म मुहूर्त में जल्दी उठकर स्नान आदि करें. इसके बाद लाल रंग के वस्त्र धारण करें और सूर्य भगवान को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें. भगवान गणेश के मंदिर में एक जटा वाला नारियल और मोदक प्रसाद के रूप में लेकर जाएं. उन्हें गुलाब के फूल और दूर्वा अर्पण करें और ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का 27 बार जाप करें और धूप दीप अर्पण करें.
फिर दोपहर के समय गणेश पूजन के समय घर में अपनी सामर्थ्य के अनुसार पीतल, तांबा या मिट्टी से निर्मित गणेश प्रतिमा स्थापित करें. संकल्प के बाद पूजन कर श्री गणेश की आरती करें और मोदक का भोग लगाकर उसे प्रसाद के रूप में वितरित कर दें. ऐसा करने से भगवान गणपति की कृपा सदैव आप पर बनी रहेगी.