Vinayak Chaturthi 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, रह माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है. यह दिन भगवान गणेश को समर्पित है और इस दिन गणपति पूजन से इंसान की हर मनोकामना पूरी हो जाती है. वहीं, दूसरी ओर सावन का महीना चल रहा है और सावन की पहली विनायक चतुर्थी 21 जुलाई दिन शुक्रवार को पड़ रही है. ऐसे में भक्तों को व्रत और विधिवत पूजा का फल कई गुना बढ़कर मिल सकता है.
भगवान गणेश को कौन सा भोग पसंद है? इनकी पूजा देवी लक्ष्मी के साथ क्यों होती है? ऐसी तमाम बातें गणेश भक्तों को जरूर पता होंगी. लेकिन क्या भगवान गणेश की दो शादियों के बारे में जानते हैं. आइए आज आपको इसी बारे में बताते हैं.
क्यों हुए थे गणेश के दो विवाह?
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान गणेश अपनी तपस्या में लीन ध्यान लगाकर बैठे थे. तभी तुलसी ने गणेश जी के सामने शादी का प्रस्ताव रखते हुए उनकी साधना भंग कर दी थी. यह देखकर गणेश जी क्रोधित हो उठे और उन्होंने खुद को ब्रह्मचारी बताते हुए तुलसी ते विवाह का प्रस्ताव ठुकरा दिया. गणपति का ना सुनकर तुलसी भी क्रोध में आ गईं और उन्होंने गजानन को दो विवाह का श्राप दे डाला.
रिद्धि और सिद्धि से विवाह
पौराणिक कथा के अनुसार, गणेश भगवान के चेहरे की वजह से कोई उनसे विवाह करने को तैयार नहीं था. ऐसे में गजानन नाराज हो गए और उन्होंने दूसरे देवी-देवताओं के विवाह में विघ्न डालना शुरू कर दिया. इस समस्या को लेकर सभी देवता ब्रह्माजी के पास पहुंचे. तब ब्रह्माजी ने अपनी योग शक्ति से दो मानस पुत्रियों रिद्धि और सिद्धि को जन्म दिया. रिद्धि और सिद्धि ब्रह्माजी के कहने पर गणेश को शिक्षित करने लगीं.
ऐसे में जब-जब गणपति के पास किसी के विवाह की खबर आती तबज-तब रिद्धि-सिद्धि उनका ध्यान भटका देतीं. इस तरह देवताओं के विवाह सकुशल संपन्न होने लगे. लेकिन गणेश जी का क्रोध और बढ़ने लगा. तभी एक दिन गणेश जी के सामने ब्रह्माजी ने रिद्धि-सिद्धि से विवाह का प्रस्ताव रखा दिया. गणेश जी ने यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और इस तरह गणेश जी का रिद्धि और सिद्धि के साथ विवाह संपन्न हुआ.