Yogini Ekadashi 2023: आषाढ़ कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है. ये एकादशी पापों के प्रायश्चित के लिए विशेष महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस दिन श्री हरि, भगवान शिव के ध्यान, भजन और कीर्तन से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है. योगिनी एकादशी के दिन उपवास रखने और साधना करने से समस्याओं का अंत हो जाता है. इस बार योगनी एकादशी 14 जून को मनाई जाएगी.
योगिनी एकादशी व्रत का नियम
योगिनी एकादशी पर स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें. फिर पीले कपड़े पहनकर भगवान विष्णु की पूजा करें. श्रीहरि को पीले फूल, पंचामृत और तुलसी दल अर्पित करें. श्री हरि और मां लक्ष्मी के मन्त्रों का जाप करें. किसी निर्धन व्यक्ति को जल, अनाज, कपड़े, जूते और छाते का दान करें. इस दिन केवल जल और फल ग्रहण करके ही उपवास रखें. सुबह और शाम दो वेला पूजन किया जाता है.
मानसिक समस्याओं से मुक्ति का उपाय
योगिनी एकादशी का उपवास रखें. पूरे दिन और रात केवल जलीय आहार ग्रहण करें. जितना संभव हो शिव जी की उपासना करें. कम से कम बोलें और गुस्सा न करें.
शीघ्र नौकरी पाने के उपाय
इस दिन लाल रंग का एक आसन लें, इसके चारों कोनों के पास एकमुखी दीपक जलाएं. आसन पर बैठकर संकटमोचन हनुमानाष्टक का पाठ करें. हनुमान जी से नौकरी पाने की प्रार्थना करें
कैसे करें पापों का प्रायश्चित?
योगिनी एकादशी का उपवास रखें. सुबह और शाम श्री हरि की उपासना करें. इस एकादशी पर गजेन्द्र मोक्ष का पाठ करना सबसे उत्तम होगा. भगवद्गीता के ग्यारहवें अध्याय का पाठ भी कर सकते हैं. योगिनी एकादशी के दिन पीपल का पौधा लगाएं और निर्धनों को अनाज, कपड़े या पैसों का दान करें.