कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी गुरुवार को मध्य प्रदेश के दौरे पर जाएंगे. इस बार राहुल चित्रकूट में कामतानाथ मंदिर में जाकर पूजा अर्चना करने के साथ-साथ साधु-संतों से मुलाकात भी करेंगे. आइए जानते हैं इस मंदिर का क्या महत्व है.
मंदाकिनी नदी के किनारे मौजूद चित्रकूट धाम भारत के सबसे प्राचीन तीर्थस्थलों में शुमार किया जाता है. चित्रकूट सदियों से श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है. वर्षभर यहां श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है.
माना जाता है कि भगवान राम ने 14 साल के वनवास के दौरान पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ करीबन 11 साल चित्रकूट में ही गुजारे थे.
भगवान राम 14 साल के वनवास के दौरान मध्य प्रदेश में जहां-जहां से गुजरे थे, उसे राम वन गमन पथ यात्रा कहा जाता है. इसकी शुरुआत चित्रकूट से भगवान राम ने की थी.
ये भी माना जाता है कि चित्रकूट ही वो स्थान है जहां ऋषि अत्रि और सती अनसुइया ध्यान लगाया करते थे.
ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने इसी स्थान पर ही सती अनसुइया के घर जन्म लिया था और यहीं उनका निवास था.
चित्रकूट का सबसे महत्वपूर्ण स्थान कामदगिरि पर्वत माना जाता है. कामदगिरी पर्वत पर स्थित कामतानाथ मंदिर का खास धार्मिक महत्व है. मान्यता है कि इस मंदिर के दर्शन करने से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.
कामदगिरि पर्वत पर कई दूसरे मंदिर भी मौजूद हैं. इस पर्वत की दक्षिण पहाड़ी पर भगवान लक्ष्मण का एक मंदिर भी है. मान्यता है कि वनवास के समय लक्ष्मण जी यहीं रहा करते थे.
हिंदू धर्म में पितृपक्ष के दौरान चित्रकूट में पूजा करने का खास महत्व है. मान्यता है कि भगवान राम ने अपने पिता दशरथ के लिए चित्रकूट में ही श्राद्ध किया था.
इस बार पितृपक्ष 24 सितंबर से शुरू हो चुका है. मान्यता है कि पितृपक्ष में कामदगिरि दर्शन और परिक्रमा से पूर्वजों की शक्तियां व्यक्ति में निहित हो जाती हैं.