पश्चिम बंगाल में दत्ता बाड़ी के नाम से ये दुर्गा पूजा काफी मशहूर है. श्री श्यामल धन दत्ता ने वर्ष 1882 में यहां दुर्गा पूजा का उद्घाटन किया था.
पश्चिम बंगाल, असम, बिहार, झारखंड, ओडिसा, त्रिपुरा जैसे राज्यों में खासतौर पर दुर्गा पूजा की धूम है. इसके अलावा दिल्ली, यूपी और देश के अन्य हिस्से भी इस उसत्व को धूम-धाम से मना रहे हैं.
माना जाता है कि मां शक्ति के चार पुत्र हैं, गणेश, कार्तिकेय, लक्ष्मी और सरस्वती. ऐसे में इन सभी की जमकर पूजा-अर्चना होती है.
दुर्गा पूजा का उत्सव मां दुर्गा द्वारा राक्षस महिषासुर के वध के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है. यानी ये उत्सव बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है.
विभिन्न पंडालों में दुर्गा मां की भक्ति में सुबह से शाम तक भजन भजते हैं. भक्तों के लिए जगह-जगह भंडारा भी लगाया जाता है.