सुहाग की सलामती का पर्व, चांद से सुख समृद्धि मांगने का पर्व करवाचौथ. पूरे श्रृंगार में सुहागिनें मां पार्वती और शिव के साथ चांद की पूजा कर मांगती हैं खुशियों का वरदान. लेकिन इस बार सुहाग के इस चांद की चमक और ज्य़ादा निखरनेवाली है.
इस बार करवा चौथ की सुबह भद्रा के साए में हुई. भद्रा का नाम सुनते ही किसी भी शुभ कार्य को न करने का डर सामने आ जाता है लेकिन इस बार करवाचौथ पर भद्रा का साया आपके लिए खौफ नहीं बल्कि खुशियों की सौगात लेकर आया है.
शादीशुदा महिलाएं या जिनकी हाल में सगाई हुई है वे करवा चौथ के अवसर पर मेरे पास अपनी त्वचा और बालों की साजसज्जा के लिए आती हैं. वे बिल्कुल अलग दिखना चाहती हैं. यह त्योहार खास है क्योंकि इस दिन महिलाओं को फिर से दुल्हन की तरह महसूस करने का मौका मिलता है.
करवा चौथ के दिन कई महिलाएं अपने पति की लम्बी उम्र और अच्छी सेहत के लिए व्रत रखती हैं जिसे वे चांद निकलने के बाद खोलती हैं.
दशकों पहले महिलाएं इस दिन पारम्परिक लिबास में होती थीं और अपनी हथेलियों पर मेंहदी लगाती थीं लेकिन 'दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे' जैसी बॉलीवुड फिल्मों में चमक-दमक भरा करवा चौथ देखने के बाद महिलाएं अपने साज श्रृंगार पर खास ध्यान देती हैं.
उत्तर भारत में करवाचौथ का अंदाज कुछ अलग ही होता है.
एक अरसे से परंपरा के तौर पर मनाया जाने वाला पर्व ‘करवा चौथ’ अब न केवल धूमधाम से मनाया जाता है बल्कि बाजार भी इसे भुनाने में पीछे नहीं है और इस त्यौहार के लिए डिजाइनर थाली से लेकर ‘सास बहू पैकेज’ जैसे तरह तरह लुभावने प्रस्ताव दिए जा रहे हैं.
सौंदर्य के कारोबार से जुड़े लोग भला करवाचौथ में कैसे पीछे रह सकते हैं.
करवाचौथ के दिन सास बहू को ‘सरगी’ देती है और बहू सास को ‘बया’ देती है.
करवा चौथ के दिन चांद को छलनी से देखने की परंपरा है. अब यह छलनी भी डिजाइनर हो चुकी है.
इससे पहले करवाचौथ की तैयारियों को लेकर गुरुवार को महिलाओं में खरीददारी को लेकर खासा उत्साह देखने को मिला.
साड़ियों, सूटों, आभूषणों व चूड़ियों की दुकानों पर महिलाओं की भीड़ उमड़ी हुई थी. पार्लरों व आभूषणों की दुकानों पर स्पैशल डिस्काउंट एवं पैकेज दिए जा रहे हैं.