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धर्म

11700 फीट की ऊंचाई पर है 11वां ज्योतिर्लिंग केदारनाथ, जानें इसकी खासियत

11700 फीट की ऊंचाई पर है 11वां ज्योतिर्लिंग केदारनाथ, जानें इसकी खासियत
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लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले पीएम मोदी की यात्रा से केदारनाथ का मंदिर एक बार फिर चर्चाओं में आ गया है. आइए जानते हैं कि आखिर बाबा केदारनाथ के इस मंदिर की खासियत क्या है.
11700 फीट की ऊंचाई पर है 11वां ज्योतिर्लिंग केदारनाथ, जानें इसकी खासियत
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केदारनाथ शिव का 11वां ज्योर्तिलिंग है. इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 11 हजार 700 फीट है. मंदिर परिसर से डेढ़ किमी दूर बनी ध्यान गुफा की ऊंचाई करीब 12 हजार 250 फीट है. भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में प्रमुख है केदारनाथ. इनकी महिमा पुराणों में वर्णित है. आपको बता दें कि इस समय उतराखंड में चार धाम की यात्रा चल रही है.
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ये मंदिर 6 फीट ऊंचे चौकोर प्लेटफार्म पर बना हुआ है. मंदिर में मुख्य भाग मंडप और गर्भगृह के चारों ओर प्रदक्षिणा पथ है. बाहर प्रांगण में नंदी बैल वाहन के रूप में विराजमान हैं. इस मंदिर की स्थापना आदिगुरु शंकराचार्य ने की थी. शिव का ये धाम सभी भक्तों की आस्था का केद्र है.
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कैसे होती है पूजा
भगवान शंकर बैल की पीठ की आकृति-पिंड के रूप में श्री केदारनाथ में पूजे जाते हैं. प्रात:काल में शिव-पिंड को प्राकृतिक रूप से स्नान कराया जाता है इसके बाद शिव-पिंड पर घी-लेपन किया जाता है. फिर धूप-दीप जलाकर आरती उतारी जाती है. शाम के समय भगवान का श्रृंगार किया जाता है. उन्हें विविध प्रकार के चित्ताकर्षक ढंग से सजाया जाता है. इस दौरान भक्तगण दूर से केवल प्रभु के दर्शन ही कर सकते हैं.
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दर्शन का समय
केदारनाथ जी का मन्दिर आम दर्शनार्थियों के लिए प्रात: 7:00 बजे खुलता है. दोपहर एक से दो बजे तक विशेष पूजा होती है और उसके बाद विश्राम के लिए मन्दिर बन्द कर दिया जाता है. पुन: शाम 5 बजे जनता के दर्शन हेतु मन्दिर खोला जाता है. पांच मुख वाली भगवान शिव की प्रतिमा का विधिवत श्रृंगार करके 7:30 बजे से 8:30 बजे तक नियमित आरती होती है. रात्रि 8:30 बजे केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग का मन्दिर बन्द कर दिया जाता है.
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