हिंदी पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की नवमी को महेश नवमी मनाई जाती है. इस साल महेश नवमी 31 मई यानी आज मनाई जा रही है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. आज शाम 5 बजकर 36 मिनट तक इसकी पूजा का शुभ मुहूर्त है. आइए इसी कड़ी में जानते हैं कि महेश नवमी पर कौन से काम करने से भोले बाबा नाराज हो सकते हैं.
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1. महेश नवमी के दिन भगवान शिव को यदि प्रसन्न करना चाहते हैं तो इस दिन काले रंग के कपड़े ना पहनें. इस दिन काले रंग के कपड़े पहनना अशुभ माना जाता है.
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2. ऐसी मान्यता है कि भक्तजनों को शिवलिंग पर चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को ग्रहण नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे दुर्भाग्य आता है. ऐसा करने से धन हानि और बीमारियां भी हो सकती हैं.
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3. ये चीजें नहीं चढ़ाएं- शिवलिंग पर कभी भी तुलसी की पत्ती नहीं चढ़ाएं. शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से पहले यह ध्यान रखें कि पाश्चुरीकृत या पैकेट का दूध इस्तेमाल ना करें और शिवलिंग पर ठंडा दूध ही चढ़ाएं. अभिषेक हमेशा ऐसे पात्र से करना चाहिए जो सोना, चांदी या कांसे का बना हो. अभिषेक के लिए कभी भी स्टील, प्लास्टिक के बर्तनों का प्रयोग ना करें.
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4. भगवान शिव को भूलकर भी केतकी और चंपा फूल नहीं चढ़ाएं. ऐसा कहा जाता है कि इन फूलों को भगवान शिव ने शापित किया था. केतकी का फूल सफेद होने के बावजूद भोलेनाथ की पूजा में नहीं चढ़ाना चाहिए.
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5. महेश नवमी के दिन मांस या मदिरा-पान का सेवन करने से बचना चाहिए. इस दिन सात्विक भोजन करना सही होता है.
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6. भगवान शिव की पूजा में भूलकर भी टूटे हुए चावल नहीं चढ़ाया जाना चाहिए. अक्षत का मतलब होता है अटूट चावल, यह पूर्णता का प्रतीक है. इसलिए शिव जी को अक्षत चढ़ाते समय यह देख लें कि चावल टूटे हुए तो नहीं है.
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7. शिवलिंग पर सबसे पहले पंचामृत चढ़ाना चाहिए. पंचामृत यानी दूध, गंगाजल, केसर, शहद और जल से बना हुआ मिश्रण. जो लोग चार प्रहर की पूजा करते हैं उन्हें पहले प्रहर का अभिषेक जल, दूसरे प्रहर का अभिषेक दही, तीसरे प्रहर का अभिषेक घी और चौथे प्रहर का अभिषेक शहद से करना चाहिए.
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8. भगवान शिव को दूध, गुलाब जल, चंदन, दही, शहद, घी, चीनी और जल का प्रयोग करते हुए तिलक लगाएं. भोलेनाथ को वैसे तो कई फल अर्पित किए जा सकते हैं, लेकिन महेश नवमी पर बेर जरूर अर्पित करें क्योंकि बेर को चिरकाल का प्रतीक माना जाता है.
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9. ऐसी मान्यता है कि शिवलिंग या भगवान शिव की मूर्ति पर केवल सफेद रंग के ही फूल ही चढ़ाने चाहिए क्योंकि भोलेनाथ को सफेद रंग के ही फूल प्रिय हैं. महेश नवमी पर भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए चंदन का टीका लगा सकते हैं. शिवलिंग पर कभी भी कुमकुम का तिलक ना लगाएं. हालांकि भक्तजन मां पार्वती और भगवान गणेश की मूर्ति पर कुमकुम का टीका लगा सकते हैं.
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10. इस दिन सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए. जल्दी उठ जाएं और बिना स्नान किए कुछ भी ना खाएं. व्रत नहीं है तो भी बिना स्नान किए भोजन ग्रहण नहीं करें.