सदियों से, इस राम मंदिर में पूजा करने के लिए दूर-दूर से हिंदू आते रहे हैं. ये श्रद्धालु शांतिपूर्वक इस धर्मशाला में ठहरते थे, जिसे आज के समय में सैदपुर गांव कहा जाता है. आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, 1893 तक यहां एक तालाब के पास हर साल एक मेले का आयोजन किया जाता था. मान्यता है कि भगवान राम ने एक बार इस तालाब से पानी पिया था. हालांकि, अब ये तालाब एक दुर्गंध वाला नाला बन चुका है.