माता-पिता ने इनका नाम वेंकटरामा रखा था, लेकिन 8 साल की उम्र में संन्यास लेने के बाद इनका नाम विश्वेश तीर्थ स्वामी पड़ गया. श्री भंडारकेरी मठ और पलिमारु मठ के गुरु श्री विद्यामान्या तीर्थ से इन्होंने शिक्षा हासिल की थी. उमा भारती से लेकर योगी आदित्यनाथ तक इन्हें एक महान संत मानते थे.