सावन के आखिरी सोमवार पर केदारनाथ धाम को फूलों से सजाया गया. भक्तों ने भगवान केदारनाथ को नए अनाज का भोग भी
लगाया. इस शुभ अवसर पर श्रद्धालु केदारनाथ धाम पहुंचे. साथ
ही स्थानीय भक्तों की ओर से यहां अन्नकूट मेले का भी आयोजन किया गया है.
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बता दें कि रक्षाबंधन से एक दिन पहले केदारनाथ मंदिर में अन्नकूट मेले
(भतूज) का धूमधाम से आयोजन किया जाता है. इस मेले की परंपरा सदियों से चली आ
रही है. इस विशेष दिवस पर केदारनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी भगवान शिव के
स्वयंभू लिंग की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं.
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इसके बाद अनाज, झगोंरा,
चावल, कौंणी आदि का लेप लगाकर स्वयंभू लिंग का श्रृंगार करते हैं.
श्रृंगार के बाद महादेव की छवि का दृश्य अलौकिक होता है. इसके दर्शन
करने के लिए हर साल भक्तों की लंबी लाइनें लगती हैं.
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हालांकि
इस बार कोरोना वायरस से बचाव के चलते भक्तों को यह सौभाग्य प्राप्त नहीं
होगा. प्रदेश की सरकार ने यात्रियों को केदारनाथ धाम जाने की अनुमति तो दी
है, लेकिन गर्भगृह में प्रवेश करने से मना किया है.
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रक्षाबंधन का
पर्व समाप्त होने के बाद अगले दिन मंदिर समिति के कर्मचारी स्थल की
साफ-सफाई करते हैं और भगवान की नित्य पूजा-अर्चना की जाती है.