शांता के विवाह का कारण
शांता को वेद, कला और शिल्प का अनूठा ज्ञान था, वह बहुत सुंदर थीं. एक दिन राजा रोमपद, शांता के साथ बातचीत में व्यस्त थे तभी एक ब्राह्मण मॉनसून के दिनों में राजा से खेती में मदद मांगने आया. रोमपद ने ब्राह्मण की याचना पर ध्यान नहीं दिया. अपनी उपेक्षा से नाराज ब्राह्मण वहां से चले गए. वर्षा के देव इंद्रदेव भी अपने भक्त के इस अपमान से नाराज हो गए. इसलिए मॉनसून के मौसम में वहां बहुत कम वर्षा होती थी. सूखा पड़ने से वहां हाहाकार मच गया.