भगवान शिव का पवित्र सावन का महीना शुरू हो चुका है. भोलेनाथ को प्रिय सावन का महीना 6 जुलाई से 3 अगस्त तक रहेगा. इसके बाद 4 अगस्त से भाद्रपद मास की शुरुआत होगी. श्रावण मास में शिवजी की उपासना का बड़ा महत्व बताया गया है. इस दौरान कुछ खास बातों का ध्यान रखना भी जरूरी बताया गया है.
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1. सावन के पवित्र महीने में खाने-पीने की चीजों को लेकर बेहद सावधानी बरती जाती है. इस महीने मांस-मछली के सेवन से परहेज किया जाता है. आपका भोजन सात्विक होना चाहिए. उसमें लहसुन-प्याज का भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
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2. हरी सब्जियों का सेवन करने वालों को बैंगन खाने से भी परहेज करना चाहिए. दरअसल बैंगन को एक अशुद्ध सब्जी माना जाता है. इसी कारण लोग द्वादशी और चतुर्दशी पर बैंगन नहीं खाते हैं.
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3. श्रावण मास में शिवलिंग का दूध से जलाभिषेक करना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इसी कारण इस महीने दूध पीने से परहेज करना चाहिए. भाद्र मास में दही की तरह सावन में दूध से परहेज करना चाहिए.
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4. भगवान शिव को बेलपत्र, भांग और धतूरा काफी प्रिय है, लेकिन पूजा के वक्त कुछ खास चीजें चढ़ाने से बचना चाहिए. शिवलिंग पुरुष तत्व से संबंधित है तो उस पर हल्दी नहीं चढ़ानी चाहिए.
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5. किसी का अपमान न करें और किसी भी प्रकार के बुरे विचार मन में नहीं लाना चाहिए. खासतौर से गुरु, जीवनसाथी, माता-पिता, मित्र और द्वार पर आए लोगों का अपमान नहीं करना चाहिए.
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6. अगर घर के द्वार पर कोई गाय या बैल आए तो उसे मारकर भगाने की बजाए कुछ खाने के लिए जरूर दें. बैल को मारना भगवान शिव की सवारी नंदी का अपमान करने के समान है.
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7. इसके अलावा शरीर पर तेल लगाने से भी परहेज करना चाहिए. साथ ही भोजन के लिए कांसे के बर्तनों का इस्तेमाल करना चाहिए.
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8. सावन में पूजा के समय भगवान शिव या शिवलिंग को केतकी का अर्पित करने से बचना चाहिए. इसके अलावा दिन के वक्त सोने से भी बचना चाहिए.