इस भाग-दौड़भरी जिंदगी में हर कोई अपनी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए या मन की शांति के लिए ऊपरवाले की तलाश में निकल जाता है. कहते हैं विश्वास हो तो पत्थर भी खुदा बन जाता है. आइए चलें कुछ ऐसे ही पवित्र स्थलों की ओर जहां आस्था के दम पर लोग उस आलौकिक शक्ति का वजूद महसूस करते हैं...
पुरी, भारत:
हर साल जून से जुलाई के बीच लाखों की तादाद में हिंदू तीर्थयात्री यहां इकट्ठा होकर 12वीं शताब्दी में बने
जगन्नाथ मंदिर की पूजा करते हैं. इस दौरान यहां रथयात्रा भी निकलती है जिसमें लोग भगवान श्री कृष्ण, उनके भाई बलराम और उनकी बहन सुभद्रा की मूर्तियों को खींचते हैं.
अमरनाथ यात्रा, जम्मू और कश्मीर:
हिमालय में 3880 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद बाबा अमरनाथ की गुफा हिंदुओं के पवित्र तीर्थों में से एक है. तीर्थयात्री चारों ओर बर्फ से ढकी
इस गुफा की यात्रा जून से अगस्त के दौरान करते हैं. लाखों लोग इस यात्रा का हिस्सा बन भगवान शिव के दर्शन करते हैं.
ल्यूर्डेस, फ्रांस:
50 लाख ईसाई धर्म को मानने वाले तीर्थयात्री फ्रांस के इस शहर में प्रार्थना के लिए आते हैं. इस स्थान को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं. चर्चों के लिए मशहूर ये जगह अपनी खूबसूरती से लोगों को सम्मोहित कर लेती है.
मक्का, सऊदी अरब:
मक्का इस्लाम अनुयायियों के लिए सबसे पवित्र शहर है. करीब 25 लाख हज यात्री हर साल मक्का जाते हैं. जीवन में एक बार हर मुस्लिम को
हज यात्रा करना जरूरी होता है. अपने रिवाजों के मुताबिक, हाजी इस दौरान मोहम्मद पैगंबर को याद करते हैं.
कैंटरबरी कैथेड्रल, ब्रिटेन:
1170 ईसवी में आर्कबिशप थॉमस बेकेट की हत्या के बाद कैंटरबरी कैथेड्रल शहर चर्चाओं में आया. तीर्थयात्री थॉमस की समाधि को देखने आते हैं, जो बाद में कहीं ओर स्थापित कर दी गई.
यरूशलम:
यरूशलम यहूदियों, ईसाइयों और मुस्लिमों का पवित्र शहर है. अलग-अलग धर्मों से करीब 20 लाख अनुयायी हर साल यहां आते हैं. ज़्यादातर ईसाई परंपराओं के अनुसार, ईसा को यहीं सूली पर लटकाया गया था, इसे कुछ लोग गोलगोथा कहते हैं या कैलवेरी की पहाड़ी. मुसलमान मानते हैं कि पैगंबर अपनी रात्रि यात्रा में मक्का से यहीं आए थे और उन्होंने आत्मिक तौर पर सभी पैगंबरों से दुआ की थी. यहूदी मानते हैं यहीं सबसे पहली उस शिला की नींव रखी गई थी, जिस पर दुनिया का निर्माण हुआ और जहां अब्राहम ने अपने बेटे इसाक की कुरबानी दी.
कुमानो कूडो, जापान:
खूबसूरत बौद्ध मठों से सजे इस शहर में हज़ारों लोग तीन विशेष तीर्थस्थलों के दर्शन के लिए आते हैं. ये काफी पुराना तीर्थ मार्ग है और यहां तीन बड़ी समाधियां मौजूद हैं. इनमें कुमानो होंगु तइशा, नाची ताइशा, हवातमा ताइशा की समाधियां है.