गुरू पूर्णिमा का व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि महर्षि वेद व्यास का जन्म आषाढ़ पूर्णिमा के दिन हुआ था. इस दिन शिष्य अपने गुरू की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. शिष्य इस दिन अपने सारे अवगुणों को गुरू को अर्पित कर देता है.