Surya Grahan Sutak in India: सूर्य ग्रहण लग चुका है. ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को सूर्य ग्रहण के साथ ही इस दिन शनि जयंती और वट सावित्री व्रत भी है. ये सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका, यूरोप, एशिया में आंशिक रूप में दिखाई देगा. जबकि ग्रीनलैंड, उत्तरी कनाडा और रूस में पूर्ण सूर्य ग्रहण देखने को मिलेगा.
इस साल का यह सूर्य ग्रहण भारत में केवल अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा. बाकी भारत में कहीं और ये ग्रहण नहीं दिखाई देगा. इस पर क्या कहते हैं सूतक के नियम और किन लोगों पर होगा प्रभाव, बता रहे हैं ज्योतिषाचार्य प्रवीण मिश्र.
आज का ग्रहण वृष राशि और मृगशिरा नक्षत्र में लगा है. ये ग्रहण दोपहर 1 बजकर 42 मिनट पर लगा और शाम 6 बजकर 41 मिनट पर खत्म होगा. ग्रहण एक महत्वपूर्ण खगोलिय घटना है. इस दौरान दुनिया भर के वैज्ञानिक तरह-तरह के रिसर्च करते हैं.
सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है. शास्त्रों के अनुसार, सूतक के नियम वहीं माने जाते हैं, जहां ये ग्रहण दिखाई देता है. इस सूर्य ग्रहण के नियम अरुणाचल प्रदेश के उस हिस्सों में ही लागू होंगे जहां ये ग्रहण दिखाई देगा. बाकी भारत में सूतक के कोई नियम मान्य नहीं होंगे.
10 जून को लगने वाला ग्रहण भारत के बाकी हिस्सों में दिखाई नहीं देगा इसलिए इस दिन पूजा-पाठ से संबंधित नियम नहीं माने जाएंगे. इस दिन लोग आसानी से शनि जयंती और वट सावित्री व्रत की पूजा कर सकते हैं.
ये सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका, यूरोप, एशिया में आंशिक रूप में दिखाई देगा. जबकि ग्रीनलैंड, उत्तरी कनाडा और रूस में पूर्ण सूर्य ग्रहण देखने को मिलेगा. ज्योतिष के अनुसार, इस बार का सूर्य ग्रहण वृष राशि में लगेगा. इसलिए इन राशि वालों को सतर्क रहने की आवश्यकता है.