ज्यादातर हिंदू घरों में तुलसी का पौधा होता है. तुलसी का पौधा बुध का प्रतिनिधित्व करता है, जो भगवान कृष्ण का एक स्वरूप माना गया है. भगवान कृष्ण को तुलसी सर्वाधिक प्रिय है. हालांकि, तुलसी के पौधे को लगाने और उसकी पूजा करने के भी कई नियम हैं. आइए जानते हैं-
कई लोग शाम में तुलसी के आगे दीपक भी जलाते हैं. लेकिन तुलसी का पौधा हर किसी के लिए शुभ नहीं होता है. तुलसी का पौधा लगाने में कई नियमों का पालन करना होता है. आइए आचार्य कमल नंदलाल से जानते हैं कि किन लोगों को तुलसी का पौधा घर में नहीं लगाना चाहिए और इसे लगाते समय किन बातों का ध्यान रखने की जरूरत है.
तुलसी को परम वैष्णव माना गया है. भगवान विष्णु की पूजन पद्धति में तामसिक तरीकों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. भगवान विष्णु की पूजा राजसिक या सर्वाधिक प्रिय सात्विक तरीके से की जाती है. उन लोगों को अपने घर में तुलसी नहीं रखनी चाहिए जो मांस का सेवन करते हैं.
कभी भी तुलसी को दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए क्योंकि इस दिशा में रखी गई तुलसी हमेशा अशुभ फल देती है. तुलसी को हमेशा उत्तर दिशा में ही लगाएं, जो बुध की दिशा मानी जाती है.
तुलसी को कभी भी जमीन में नहीं लगाना चाहिए. तुलसी को हमेशा गमले में ही लगाना चाहिए. जमीन में लगाने पर तुलसी अशुभ फल देना शुरू कर देती है. जिसका असर घर के सदस्यों की सेहत पर पड़ता है.
रविवार के दिन तुलसी की पूजा-अर्चना नहीं करनी चाहिए और ना ही इस दिन तुलसी के पत्ते तोड़ने चाहिए. बाकी दिनों में भी तुलसी के पत्ते सूर्यास्त के बाद नहीं तोड़ने चाहिए.