पन्ना नवरत्नों में एक असरदार और कोमल प्रभाव का रत्न है. यह मुख्यतः बैरुज़ वर्ग का रत्न है. कुछ मात्रा में इसमें ऑक्सीजन और जल पाया जाता है. पन्ना बुध ग्रह का रत्न है. पन्ना कहीं भी मिले, यह षठकोणीय ही होता है. सामान्यतः पन्ना बिना जाल के नहीं हो सकता और बिना दोष के पन्ना मिल पाना काफी कठिन होता है.
अगर पन्ना लाभ दे तो इसके क्या क्या फायदे होते हैं?
पन्ना बुद्धि को प्रखर और एकाग्र कर देता है. यह मन की चिंताओं को दूर करता है. इसको धारण करने से वाणी की शक्ति बढ़ जाती है. पन्ना आमतौर पर कारोबार और आर्थिक स्थिति में लाभ पंहुचाता है. इससे व्यक्तित्व चमकदार और प्रभावशाली हो जाता है. यह त्वचा के रोगों में भी खूब लाभ देता है.
पन्ना अगर नुकसान करे तो किस तरह से समस्याएं होती हैं?
यह बुद्धि को भ्रमित और मन को परेशान कर सकता है. इसके कारण जबरदस्त आर्थिक नुकसान भी हो सकता है. यह त्वचा में समस्याएं दे सकता है. यह आत्मविश्वास को गड़बड़ भी कर सकता है.
किनके लिए पन्ना धारण करना शुभ होगा और किनके लिए नहीं?
वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुम्भ लग्न वालों के लिए पन्ना लाभकारी होता है. सिंह, धनु और मीन लग्न में विशेष दशाओं में पन्ना पहन सकते हैं. मेष, कर्क, वृश्चिक लग्न में पन्ना भूलकर भी धारण न करें. जो लोग वाणी सम्बन्धी कार्य में हैं , उन्हें पन्ना धारण करना चाहिए. आर्थिक क्षेत्र के लोगों के लिए भी पन्ना धारण करना अनुकूल होगा.
पन्ना धारण करने के नियम क्या हैं?
पन्ना जितना ज्यादा हरा हो उतना ही अच्छा होगा. पन्ने को चांदी में या सोने में कनिष्ठा अंगुली में धारण करना चाहिए. पन्ने को बुधवार को प्रातःकाल धारण करना चाहिए. पन्ने के साथ मूंगा और मोती धारण नहीं करना चाहिए. पन्ने के साथ हीरा या ओपल पहनना सबसे ज्यादा शुभ होता है. अगर पन्ना धारण न कर सकें तो हरित तुरमली, मरगज या पेरिडॉट धारण करें.