Hanuman Jayanti 2024 Date: 'संकट कट मिटै सब पीरा, जो सुमिरे हनुमत बलबीरा'... हनुमान चालीसा में लिखी ये पंक्तियां बताती हैं कि हनुमान के सुमिरन से जीवन के सारे संकटों का निवारण हो सकता है. कलियुग में हनुमान जी ही सबसे सिद्ध देव हैं. हनुमान जी अजर अमर हैं. हिंदू धर्म के शास्त्रों, पुराणों में हनुमान को चिरंजीवी बताया गया है. हनुमान जी को अमरत्व का वरदान प्राप्त है. ऐसी मान्यताएं हैं कि भगवान राम और देवी सीता की सेवा में रहने के बाद उन्हें अमर रहने का वरदान प्राप्त हुआ था. कहते हैं कि हनुमान एक देवता के रूप में आज भी पृथ्वी पर मौजूद हैं.
धरती पर कहां है हनुमान?
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, देवी सीता से अमरता का वरदान पाने के बाद महावीर बजरंगी ने धरती पर एक पवित्र स्थान को अपना निवास स्थान चुना. श्रीमद् भगावत् पुराण के मुताबिक, यह स्थान गंधमादन पर्वत है. कलियुग में धर्म के रक्षक महावीर बजरंगबली इसी स्थान पर रहते हैं. शास्त्रों के अनुसार, गंधमादन पर्वत कैलाश पर्वत की उत्तर दिशा में स्थित है. यही वही जगह है जहां महर्षि कश्यप ने तप किया था.
हनुमान जयंती पर कैसे करें हनुमान की पूजा?
हनुमान जयंती के दिन एक आसन पर श्रीराम जी और हनुमान जी का चित्र या मूर्ति स्थापित करें. उनके सामने घी का दीपक जलाएं. उन्हें फल, फूल और मिष्ठान्न आदि अर्पित करें. पहले राम जी की उपासना करें. फिर हनुमान जी की विधिवत पूजा करें. पूजा के बाद चाहें तो हनुमान चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं. अंत मे हनुमान जी की आरती करें और अपनी मनोकामनाओं के लिए प्रार्थना करें.
हनुमान जी की पूजा में सावधानियां
महावीर हनुमान जी की पूजा में विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए. इनकी पूजा प्रभु राम के बिना न करें. हनुमान जी की उपासना करने वाला व्यक्ति सात्विक रहे. महिलाएं हनुमान जी को सिंदूर अर्पित न करें. आप इन्हें लाल फूल अर्पित कर सकती हैं. हनुमान जी को चरणामृत का भोग कभी नहीं लगाना चाहिए. इस दिन बजरंगबली को चने की दाल या बंदी के प्रसाद का भोग लगाना उत्तम माना जाता है.