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एलन मस्क ने भी जताई थी महाकुंभ में आने की इच्छा, महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी बोले- शांति कौन नहीं चाहता

स्वामी कैलाशानंद गिरी ने गंगा और यमुना के महत्व को बताते हुए कहा कि सबसे पवित्र जल तो यमुना नदी का है, और गंगाजल, जल नहीं साक्षात अमृत है. उन्होंने कहा कि गंगा केवल मोक्ष प्रदान नहीं करती, बल्कि पहले ज्ञान, फिर भक्ति और अंत में वैराग्य प्रदान करती है. इसके बाद कहीं जाकर वह व्यक्ति मोक्ष का अधिकारी बनता है"

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महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी
महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में शुक्रवार को महामंडलेश्वर निरंजनी अखाड़ा के पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी ने महाकुंभ के महत्व को रेखांकित किया, उन्होंने कहा कि, यह केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की संस्कृति, आस्था और एकता का प्रतीक है.- "महाकुंभ के आयोजन में जो बदलाव देखने को मिला है, वह अद्भुत है. इस बार लोगों की सोच में परिवर्तन हुआ है, जिसे हमने संगम तट पर महसूस किया. 

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एलन मस्क ने भी किया था संपर्क


निरंजनी अखाड़ा के पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2025 में यह खुलासा किया कि एलन मस्क ने उनसे संपर्क कर महाकुंभ में शामिल होने और उनके शिविर में ठहरने की इच्छा जाहिर की थी.उन्होंने कहा कि, महाकुंभ 2025 की भव्यता और आध्यात्मिक आकर्षण ने न केवल देश बल्कि दुनिया भर के लोगों को अपनी ओर खींचा. इसी क्रम में टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क (Elon Musk) ने भी इस महायोजन में शामिल होने की इच्छा जताई थी. 

स्वामी कैलाशानंद गिरी ने बताया- "मुझे टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क का संदेश मिला था.  वे महाकुंभ आना चाहते हैं और मेरे शिविर में रुकना चाहते हैं. उन्हें स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन ने इसके बारे में बताया था."

यह पहला मौका नहीं है जब किसी वैश्विक शख्सियत ने महाकुंभ के प्रति रुचि दिखाई हो. इससे पहले भी कई विदेशी हस्तियां इस दिव्य आयोजन का हिस्सा बन चुकी हैं और भारतीय संस्कृति एवं सनातन परंपरा के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट कर चुकी हैं.

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पूरी दुनिया ने भारतीय संस्कृति को समझा

स्वामी कैलाशानंद गिरी ने गंगा और यमुना के महत्व को बताते हुए कहा कि सबसे पवित्र जल तो यमुना नदी का है, और गंगाजल, जल नहीं साक्षात अमृत है. उन्होंने कहा कि गंगा केवल मोक्ष प्रदान नहीं करती, बल्कि पहले ज्ञान, फिर भक्ति और अंत में वैराग्य प्रदान करती है. इसके बाद कहीं जाकर वह व्यक्ति मोक्ष का अधिकारी बनता है" उन्होंने आगे कहा कि कुंभ के माध्यम से पूरी दुनिया ने भारतीय संस्कृति को समझा और सनातन परंपरा से जुड़ने की इच्छा जताई.

पीएम मोदी-सीएम योगी के नेतृत्व में संभव हुआ भव्य महाकुंभ


स्वामी कैलाशानंद गिरी ने महाकुंभ 2025 की भव्यता और सफल आयोजन का श्रेय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिया. उन्होंने कहा कि अगर राज्य में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री नहीं होते तो यह आयोजन इतने दिव्य और विशाल स्तर पर संपन्न नहीं हो पाता. उन्होंने कहा, "धर्म को जब सत्ता का संरक्षण मिलता है, तो उसकी भव्यता और बढ़ जाती है. महाकुंभ का यह रूप योगी सरकार के कुशल प्रबंधन का परिणाम है."

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चारों शंकराचार्यों की ऐतिहासिक उपस्थिति

कुंभ 2025 का एक और ऐतिहासिक पहलू यह रहा कि पहली बार चारों शंकराचार्य इस महायोजन में एक साथ शामिल हुए. स्वामी कैलाशानंद गिरी ने बताया कि उनके शिविर में दो करोड़ से अधिक लोगों ने भोजन किया, जिसमें 10 हजार अमीर और प्रभावशाली लोग थे, जबकि 1 करोड़ 90 लाख साधारण श्रद्धालु थे. 

जल संरक्षण पर जोर

यमुना नदी की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि बिना जल के न तो जीवन संभव है, न पूजा और न ही सद्गति. उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से यमुना सफाई अभियान को और तेज़ी से आगे बढ़ाने की अपील की.


 

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