scorecardresearch
 

Janmashtami 2024: कौन था नकली सुदर्शन चक्र रखने वाला पौंड्रक? खुद को बताता था श्रीकृष्ण

Janmashtami 2024: भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्मोत्सव का त्योहार मनाया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, श्रीकृष्ण को लेकर बहुत सारी कथाएं प्रचलित हैं जिनमें से एक है नकली श्रीकृष्ण की कहानी. जो खुद को कृष्ण बताता था. साथ ही उसने भगवान कृष्ण को मथुरा छोड़ने की धमकी भी दी थी.

Advertisement
X
कौन था नकली श्रीकृष्ण, जो खुद को बताता था भगवान कृष्ण
कौन था नकली श्रीकृष्ण, जो खुद को बताता था भगवान कृष्ण

Janmashtami 2024: आज कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. यह भगवान कृष्ण का 5251वां जन्मोत्सव है. कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व वृंदावन और मथुरा में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. जन्माष्टमी को गोकुलाष्टमी, कृष्णाष्टमी, कृष्ण जन्माष्टमी और श्री जयंती भी कहते हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, श्रीकृष्ण को लेकर बहुत सारी कथाएं प्रचलित हैं. क्या आप जानते हैं कि द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण का एक हमशक्ल भी था, जो खुद को श्रीकृष्ण बताता था और लोगों को अपनी पूजा करने के लिए विवश करता था. तो आइए जानते हैं कि आखिर कौन था श्रीकृष्ण का ये बहरूपिया.

Advertisement

नकली श्रीकृष्ण की कहानी

भागवत पुराण और महाभारत में इसका वर्णन मिलता है कि द्वापर युग में पौंड्रक नाम का एक अहंकारी राजा था, जो खुद के श्रीकृष्ण होने का दावा करता था. ऐसा वह इसलिए कहता था, क्योंकि उसके पिता का नाम भी वासुदेव था. अपने आप को असली कृष्ण साबित करने के लिए उसने एक माया रची. नकली कृष्ण के पास मायावी शक्तियां थीं. पौंड्रक ने माया शक्ति के जरिए नकली सुदर्शन चक्र बना लिया था. ये अपने पास नकली कोस्तुब मणि भी रखता था. माथे पर मोरपंख भी लगाता था और दावा करता था कि वो ही असली कृष्ण है.

श्रीकृष्ण से नकली कृष्ण का युद्ध

राजा पौंड्रक पुंड्र क्षेत्र का राजा था. इसका इलाका काशी के आस-पास माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि काशी नरेश से इसकी अच्छी मित्रता थी. राजा पौंड्रक अपनी माया से आस-पास के इलाकों में प्रचार करने की कोशिश करता था कि वही श्री कृष्ण है. एक बार राजा पौंड्रक ने अपने करीबियों के बहकावे में आकर भगवान कृष्ण को संदेश भेजा कि मैं ही असली कृष्ण हूं. अब या तो तुम मथुरा छोड़कर चले जाओ या फिर मेरे साथ युद्ध करो.

Advertisement

उसकी धमकी पर पहले तो श्रीकृष्ण ने ध्‍यान नहीं दिया, लेकिन कुछ समय बाद जब पौंड्रक की हरकतें बढ़ने लगीं तो श्रीकृष्ण ने उसकी चुनौती स्‍वीकार कर ली. इसके बाद भगवान कृष्ण राजा पौंड्रक के साथ युद्ध के लिए तैयार हो गए. जब भगवान कृष्ण युद्ध भूमि में पहुंचे तो उन्होंने देखा कि राजा पौंड्रक तो बिल्कुल उनके जैसा लग रहा था. कुछ ही देर में भगवान कृष्ण ने सुदर्शन चक्र का इस्तेमाल करके राजा पौंड्रक को हरा दिया.

Live TV

Advertisement
Advertisement