Karwa Chauth 2024: हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ का व्रत रखा जाता है. इस दिन शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी जीवन के लिए निर्जला उपवास रखती हैं. करवा चौथ के दिन सुहागन औरतें शाम को चांद देखने के बाद ही व्रत खोलती हैं. शास्त्रों के जानकार कहते हैं कि करवा चौथ पर चांद देखते वक्त महिलाओं को कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए.
करवा चौथ की तिथि का अपयश से संबंध
चतुर्थी तिथि को रिक्ता और खला भी कहा जाता है. ज्योतिष में चतुर्थी तिथि को शुभ कार्य वर्जित होते हैं. कहत हैं कि इस दिन चन्द्र दर्शन से अपयश और कलंक लग सकता है. इसलिए इस दिन चन्द्र दर्शन निषेध यानि मना होता है. करवा चौथ पर आपको एक खास नियम अपनाकर चंद्र दर्शन करना चाहिए.
इस दिन गणेश जी की उपासना करके चन्द्रमा को नीची निगाह से अर्घ्य देना उचित होता है. कहते हैं कि ऐसा करने से अपयश का दोष भंग हो जाता है. इसलिए करवा चौथ पर महिलाएं चन्द्रमा को छन्नी या परछाईं में देखती हैं. हालांकि यदि किसी कारणवश अपयश लग जाता है तो उसे दूर करने के भी कुछ खास उपाय बताए गए हैं.
चतुर्थी के अपयश को कैसे दूर करें?
भगवान गणेश के सामने घी का दीपक जलाएंय उन्हें लड्डुओं का भोग लगाएं और "वक्रतुण्डाय हुं" का 108 बार जाप करें. जल में सफेद फूल डालकर नीची निगाह से चन्द्रमा को अर्घ्य दें. आपके ऊपर पड़ने वाले अपयश का योग भंग हो जाएगा.
जब गणेश जी ने चंद्र देव को दिया शाप
एक पौराणिक कथा के अनुसार, चंद्र देव को भगवान गणेश द्वारा शाप दिया गया था. कहते हैं कि एक बार गणेश जी का वाहन मूषक किसी चीज से डरकर भागने लगा और गणेश जी गिर गए. यह देखकर चंद्र देव ने गणेश जी का उपहास किया. गणेश जी ने क्रोधित होकर चंद्र देव को शाप दिया कि उनकी चमक कम हो जाएगी और जो कोई भी चंद्रमा को देखेगा, उसे गलतफहमी और अपयश का सामना करना पड़ेगा.
इस शाप के बाद चंद्र देव ने गणेश जी से माफी मांगी, जिसके बाद गणेश जी ने उन्हें आंशिक रूप से माफ कर दिया. कहा कि तब से किसी भी माह की चतुर्थी को जो कोई भी चंद्रमा को देखता है, उसे झूठ, कलंक या अपयश का शिकार होना पड़ता है. यही कारण है कि चतुर्थी पर चंद्रमा देखने को अशुभ माना जाता है.