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शबनम हुई 'मीरा': निकाह के 5 साल बाद तलाक, कृष्ण भक्त मुस्लिम महिला ने वृंदावन को बनाया अपना वास

Mathura Vrindavan: कृष्ण कन्हैया का प्यार ही अपने भक्तों को दूर-दूर से खींचकर मथुरा-वृंदावन धाम ले आता है. उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की शबनम इकराम की भी कुछ ऐसी ही कहानी है. शबनम अब ब्रज में आकर कृष्ण भक्ति में लीन होकर अब मीराबाई बन गई है.

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लड्डू गोपाल के साथ शबनम उर्फ मीरा. (फोटो:AajTak)
लड्डू गोपाल के साथ शबनम उर्फ मीरा. (फोटो:AajTak)

कान्हा की जन्मस्थली मथुरा और लीला स्थली वृंदावन संपूर्ण देश-दुनिया में अध्यात्म भक्ति और प्रेम के रूप में अपना प्रमुख स्थान रखती है. इसीलिए इस नगरी में श्री कृष्ण के अनेकों भक्त मिलेंगे. इन भक्तों में तमाम अलग-अलग धर्म के भी होंगे. ऐसी ही एक मुस्लिम भक्त अपना घर-बार छोड़ कान्हा के प्रेम में आ गई है वृंदावन. छोड़ दिया घर बार...

शबनम उत्तर प्रदेश के ही मुरादाबाद स्थित जिगर कॉलोनी निवासी इकराम हुसैन की बेटी हैं. इकराम हुसैन बर्तन और पीतल की मूर्तियां बनाने का काम करते हैं. उनकी बेटी शबनम का शुरू से ही हिन्दू देवी-देवताओं के प्रति बेहद लगाव है. इसी के चलते का कान्हा का प्रेम उसे ब्रजभूमि खींच लाया. 4 माह पूर्व हाथ में लड्डू गोपाल लेकर वह वृंदावन धाम चली आई. यहां गोवर्धन परिक्रमा मार्ग स्थित गोपाल आश्रम में उसे ठिकाना मिल गया और अब शबनम भगवान की भक्ति में ही अपना जीवन लगाना चाहती हैं.

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शादी भी हो चुकी है शबनम की

साल 2000 में शबनम का दिल्ली के शाहदरा निवासी एक शख्स से निकाह करा दिया गया था. लेकिन 5 साल बाद ही साल 2005 में शबनम का तलाक हो गया. उसके बाद वह अपने पिता इकराम के घर वापस लौट आई. शबनम अपने परिवार में चार भाई-बहनों में तीसरे नंबर की है.

जीवन-यापन के लिए बनी बाउंसर

शबनम ने शौहर से तलाक के बाद अपने परिवार को छोड़ दिया और दिल्ली में रहने लगी थी. फिर उन्होंने कुछ दिन एक प्राइवेट कंपनी में काम किया. इसके बाद शबनम ने लेडी बाउंसर के रूप में भी कुछ माह कार्य किया था. 

परिवार से तोड़ कृष्ण से जोड़ा नाता 

भगवान कृष्ण की भक्त शबनम का कहना है कि उसने अपने परिवार से रिश्ता तोड़ दिया है. अब उसकी आपने माता-पिता या भाई-बहन से कोई बात नहीं होती है. शबनम ने अपने लड्डू गोपाल को साथ लेकर अपने आधार में भी नाम पर परिवर्तन कराने  का प्रयास किया. लेकिन वह अभी तक नहीं हो सका है.

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