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Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति पर ही भीष्म पितामह ने त्यागी थी देह, जानें क्या है पौराणिक महत्व

Makar Sankranti 2025: हिंदू धर्म में मकर संक्रांति काफी महत्व है. इस दिन सूर्य देव उत्तरायण होते हैं. मान्यता है कि इसी दिन से वसंत ऋतु की भी शुरुआत होती है. वैसे मकर संक्रांति का महाभारत से भी गहरा संबंध है. भीष्म पितामह 58 दिनों तक बाणों की शैया पर रहे, लेकिन अपना शरीर नहीं त्यागा क्योंकि वे चाहते थे कि जिस दिन सूर्य उत्तरायण होगा तभी वे अपने प्राणों का त्याग करेंगे.

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मकर संक्रांति 2025
मकर संक्रांति 2025

Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति आज है और आज सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं. वैदिक ज्योतिष के मुताबिक, सूर्य को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है और इसलिए, इनका गोचर भी खास माना जाता है. मकर संक्रांति के दिन सूर्य के गोचर से खरमास का अंत हो जाता है और वसंत ऋतु के आगमन की आहट सुनाई देती है. इस पावन पर्व का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व महाभारत काल से जुड़ा हुआ है. कहा जाता है कि भीष्म पितामह, जो 58 दिनों तक बाणों की शैय्या पर थे, उन्होंने अपने प्राण त्यागने के लिए सूर्य के उत्तरायण होने की प्रतीक्षा की थी. इस अवसर से जुड़ी यह पौराणिक कथा आज भी लोगों के हृदय को छूती है. 

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ये है कथा

18 दिन तक चले महाभारत के युद्ध में भीष्म पितामह ने 10 दिन तक कौरवों की ओर से युद्ध लड़ा. रणभूमि में पितामह के युद्ध कौशल से पांडव व्याकुल थे. बाद में पांडवों ने शिखंडी की मदद से भीष्म को धनुष छोड़ने पर मजबूर किया और फिर अर्जुन ने एक के बाद एक कई बाण मारकर उन्हें धरती पर गिरा दिया. चूंकि भीष्म पितामह को इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त था. इसलिए अर्जुन के बाणों से बुरी तरह चोट खाने के बावजूद वे जीवित रहे. भीष्म पितामह ने ये प्रण ले रखा था कि जब तक हस्तिनापुर सभी ओर से सुरक्षित नहीं हो जाता, वे प्राण नहीं देंगे. साथ ही पितामह ने अपने प्राण त्यागने के लिए सूर्य के उत्तारायण होने का भी इंतेजार किया, क्योंकि इस दिन प्राण त्यागने वालों को मोक्ष की प्राप्ति होती है.

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मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त (Makar Sankranti 2025 Shubh Muhurat) 

उदयातिथि के अनुसार, मकर संक्रांति इस बार 14 जनवरी 2025 यानी आज ही मनाई जाएगी. आज सुबह सूर्य 8 बजकर 41 मिनट मकर राशि में प्रवेश करेंगे. हिंदू पंचांग के अनुसार, मकर संक्रांति पुण्य काल का समय आज सुबह 9 बजकर 03 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 46 मिनट तक रहेगा और महापुण्य काल का समय आज सुबह 9 बजकर 03 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 48 मिनट तक रहेगा.

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