राहु ग्रह भगवान भैरव देव का प्रतिनिधित्व करता है. ज्योतिष शास्त्र में राहु को एक पापी ग्रह माना गया है जो जीवन में बाधाएं पैदा करता है. कुंडली के अनुसार राहु जातकों को शुभ और अशुभ दोनों ही परिणाम देता है. कुंडली में राहु और केतु के कारण काल सर्प दोष का योग बनता है.
कुंडली में राहु दोष के प्रभाव- कुंडली में राहु दोष होने से मानसिक तनाव बढ़ता है. इसके अलावा आर्थिक नुकसान, तालमेल की कमी और ग्रहों का अशुभ प्रभाव पड़ने लगता है. कहा जाता है कि राहु का शुभ प्रभाव व्यक्ति को रंक से राजा बना देता है, वहीं इसका अशुभ फल मिलने से व्यक्ति राजा से रंक बन जाता है. कुंडली में राहु कमजोर होने पर इसकी शांति के उपाय करने चाहिए. इससे कष्टों में कमी आती है और बाधाएं दूर होने लगती हैं.
राहु दोष के शांति के उपाय- राहु ग्रह के अशुभ परिणामों से बचने के लिए राहु मंत्र का जाप करना चाहिए. राहु की अशुभ दशा से बचने के लिये बुधवार के दिन जौ, सरसों, सिक्का, सात प्रकार के अनाज, नीले या भूरें रंग के कपड़े और कांच की वस्तुओं का दान करें. गोमेद रत्न धारण करने से राहु दोष से मुक्ति मिलती है. राहु की वजह से होने वाली बीमारियों और बाधाओं से बचने के लिए राहु यंत्र की पूजा करें.