आकाश में ग्रहों की चाल लगातार नई-नई स्थितियां बनाती हैं. कभी ये बहुत शुभ होती हैं और कभी विकराल रूप ले लेती हैं. राहु- केतु अभी तक मिथुन और धनु राशि में हैं और 23 सितम्बर को राशि परिवर्तन कर रहे हैं. राहु वृष राशि में और केतु वृश्चिक राशि में चले जायेंगे. राहु का राशि परिवर्तन जीवन के हर क्षेत्र पर असर डालेगा.
राहु-केतु के राशि परिवर्तन का असर
राहु और केतु एक दूसरे से समसप्तक रहते हैं और एक साथ राशि परिवर्तन करते हैं. राहु वृष राशि में और केतु वृश्चिक राशि में 18 महीनों तक रहेंगे. इनका असर अलग-अलग राशियों पर अगले 18 महीनों तक बना रहेगा. राहु या शनि जब भी वृष राशि को प्रभावित करते हैं तो भारत में बहुत सारे राजनैतिक और सामाजिक बदलाव होते हैं. कुछ बातों को ध्यान में रखकर इस राशि परिवर्तन के दुष्प्रभावों को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
राहु केतु की समस्याओं को दूर करने के उपाय
राहु-केतु सबसे ज्यादा मन को प्रभावित करते हैं ऐसे में सबसे पहले अपनी जीवनचर्या को दुरुस्त और पवित्र बनाएं. नित्य प्रातः तुलसी के पत्ते जरूर ग्रहण करें. चन्दन के तिलक और सुगंध का प्रयोग करें. मांस- मदिरा और फास्ट फूड खाना बंद कर दें. जहां तक संभव हो नियमित मंत्र जप करें. अपने इष्ट का ध्यान कर सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करें. अपना रहन-सहन, आचार विचार शुद्ध और पवित्र बनाएं.