पुष्य शनि ( shani nakshatra) का पहला नक्षत्र है. यह नक्षत्र पूरी तरह से कर्क राशि के अंतर्गत आता है. इसे सारे नक्षत्रों में सबसे ज्यादा शुभ और पवित्र माना जाता है. इस नक्षत्र के अंदर अध्यात्मिक और धार्मिक शक्ति पाई जाती है. इस नक्षत्र के लोगों के अंदर उन्नति और विकास की क्षमता होती है. ये किसी भी नकारात्मक परिस्थिति से जल्द निकल जाते हैं. कभी-कभी ये बड़े ईर्ष्यालु और स्वार्थी भी हो जाते हैं. इन्हे मित्र और संबंध बनाने में हमेशा सावधानी रखनी चाहिए.
शनि का दूसरा नक्षत्र अनुराधा
यह नक्षत्र पूरी तरह से वृश्चिक राशि में आता है. इसका सफलता का नक्षत्र माना जाता है. इस नक्षत्र के लोग बड़े साहसी और शक्तिशाली होते हैं. इनको जन्मस्थान से दूर या विदेशी भूमि पर खूब सफलता मिलती है. इन्हें संबंधों और रिश्तों को निभाने की समझ होती है. अपने दृढ निश्चय से ये जीवन में आगे बढ़ जाते हैं.
कभी कभी ये लोगों को अपने हिसाब से नियंत्रित करना चाहते हैं. साथ ही ये अपनी स्थिति से जल्दी संतुष्ट नहीं होते हैं. ये लोग काला जादू, नशा और गंभीर अवसाद के शिकार भी हो सकते हैं.
शनि का तीसरा नक्षत्र उत्तराभाद्रपद
यह नक्षत्र पूर्ण रूप से मीन राशि के अंतर्गत आता है. इस नक्षत्र के अंदर अग्नि की ऊर्जा पाई जाती है. यह नक्षत्र युद्ध और रक्षा का नक्षत्र माना जाता है. इस नक्षत्र के लोग आनंद वाले, उदार और धनवान होते हैं. इनके अंदर अद्भुत अध्यात्मिक शक्ति और ज्ञान पाया जाता है.
इस नक्षत्र की महिलाओं के अंदर मां लक्ष्मी के समान गुण देखे गए हैं. कभी कभी ये लोग बड़े क्रोधी, आलसी और लापरवाह हो जाते हैं. ये लोग काम भाव और नशे में भी लिप्त हो सकते हैं.