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Namak Ke Upay: नमक का पोछा करेगा नकारात्मक ऊर्जा का नाश, ये 5 चमत्कारी प्रयोग भी उपयोगी

Namak Ke Chamatkari Upay: ज्योतिषविदों की मानें तो अगर कुंडली में चन्द्र कमजोर हो तो समुद्री नमक का प्रयोग नहीं करना चाहिए. ऐसी दशा में सेंधा नमक लाभकारी होता है. वहीं, मंगल कमजोर हो तो समुद्री नमक का प्रयोग लाभकारी होता है.

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Namak Ke Upay: नमक का पोछा लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का होगा नाश, ये 5 चमत्कारी प्रयोग भी देंगे लाभ
Namak Ke Upay: नमक का पोछा लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का होगा नाश, ये 5 चमत्कारी प्रयोग भी देंगे लाभ

Namak Ke Upay: हर घर की रसोई में नमक बड़ी आसानी से मिल जाएगा. इसका प्रयोग लोग खाने का जायका बढ़ाने के लिए करते हैं. यह कई प्रकार का होता है. इसमें समुद्री नमक और पहाड़ी नमक प्रमुख है. पहाड़ी नमक को सेंधा नमक कहते हैं. व्रत में इसका खूब प्रयोग होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ज्योतिष में भी नमक का विशेष महत्व बताया गया है. ज्योतिष में नमक को शुक्र और चन्द्रमा से जोड़ते हैं. ज्योतिष शास्त्र में नमक के कई चमत्कारी प्रयोग बताए गए हैं.

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नमक का ज्योतिष में प्रयोग
ज्योतिषविदों की मानें तो अगर कुंडली में चन्द्र कमजोर हो तो समुद्री नमक का प्रयोग नहीं करना चाहिए. ऐसी दशा में सेंधा नमक लाभकारी होता है. वहीं, मंगल कमजोर हो तो समुद्री नमक का प्रयोग लाभकारी होता है. घर में नमक के पात्र में लौंग डालकर रखना भी शुभ माना गया है. इससे सुख-समृद्धि बनी रहती है. घर में नमक के पानी का पोंछा लगाना भी खूब लाभकारी होता है. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और धनधान्य में वृद्धि होती है.

नमक के 5 चमत्कारी प्रयोग
ज्योतिषविद कहते हैं कि अगर मन अशांत हो तो नमक मिले जल से स्नान करना चाहिए. नमक का टुकड़ा कमरे के कोने में रखने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है. अगर नजर दोष का चक्कर हो तो सर से नमक वारकर चलते पानी में बहा देना चाहिए. लम्बे समय से बीमार हों तो सिरहाने कांच के पात्र में नमक रखना लाभकारी होता है. इसे करीब एक सप्ताह में बदल देना चाहिए. शुक्र समस्या दे रहा हो तो नमक का दान खूब लाभकारी होता है.

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नमक के प्रयोग में सावधानी
नमक को हमेशा कांच के पात्र में रखना चाहिए. नमक को बर्बाद बिल्कुल न करें. इसे जमीन पर न गिराएं. नमक को सीधे किसी व्यक्ति के हाथ में न दें, अन्यथा रिश्तों में खटास पड़ सकती है. नमकीन भोजन या नमक उसी व्यक्ति का ग्रहण करें, जिस व्यक्ति के संस्कार अच्छे हों. मजबूरी या दबाव में हर व्यक्ति का नमक ग्रहण नहीं करना चाहिए.

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