Vastu Tips: सनातन धर्म में दिशाओं का विशेष महत्व बताया गया है. दिशाओं का संबंध सूर्य और इसके प्रकाश से होता है. ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि प्रत्येक दिशा में प्रकाश का प्रभाव अलग ऊर्जा पैदा करता है. अगर हम दिशाओं को समझे बिना इस ऊर्जा के सम्पर्क में आते हैं तो इससे नुकसान होता है. जबकि इस संबंध में थोड़ी सी जानकारी हासिल कर हम खूब लाभ ले सकते हैं.
पूर्व दिशा
पूर्व दिशा की तरफ मुख करके धार्मिक कार्य करना हमेशा लाभदायक होता है. यहां सूर्य और बृहस्पति का प्रभाव अधिक होता है. इस दिशा से मान-सम्मान यश और ज्ञान मिलता है. जहां तक हो सके, पूजा-पाठ, ध्यान और पढ़ाई पूर्व दिशा की ओर मुख करके करें.
पश्चिम दिशा
पश्चिम शनि की दिशा होती है. इस दिशा से रिश्ते, परिवार और खुशहाली प्रभावित होती है. इस दिशा की ओर भोजन करने से संघर्ष बढ़ता है. इस दिशा की ओर सिर करके सोने से स्वास्थ्य स्वास्थ्य समस्याएं और आर्थिक हानि भी होती है. इस दिशा में ध्यान और प्रार्थना करने से लाभ होता है.
उत्तर दिशा
धनधान्य के लिहाज से इस दिशा को खास माना जाता है. वास्तु के अनुसार, इस दिशा की ओर मुख करके किसी कार्य की शुरुआत और व्यवसाय करना सर्वोत्तम होता है. इस दिशा में देवी लक्ष्मी की उपासना करने से धन की प्राप्ति होती है.
दक्षिण दिशा
दक्षिण दिशा के स्वामी मंगल और यम होते हैं. इस दिशा में दोष होने पर घर के सदस्यों में हमेशा अनबन रहती है. संपत्ति को लेकर भाई-बंधुओं में विवाद चलता रहता है. इस दिशा में हनुमान जी की पूजा करने से विशेष लाभ मिलते हैं. यदि घर की इस दिशा में मंगल यंत्र स्थापित कर लिया जाए तो सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं.