भगवान श्रीकृष्ण के भक्तों के लिए जन्माष्टमी का पर्व इस बार विशेष फलदायी बनकर आया है. 27 वर्ष बाद नक्षत्र, गृह और दिन का विशेष योग बना है जिसमें भगवान का जन्म होगा.
पुराणों में वर्णित है कि श्रीकृष्ण का जन्म बुधवार को हुआ था और 28 अगस्त को बुधवार ही है. पंडित गणेशदत्त त्रिपाठी के अनुसार, अर्धरात्रि व्यापिनी भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी को चंद्रोदय के साथ रोहणी नक्षत्र एवं रात 12 बजे रोहणी नक्षत्र युक्त अष्टमी को लेकर इस बार भक्तों में बेहद उत्साह है.
इसे श्रीकृष्ण जयंती योग कहा गया है. त्रिपाठी ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्म के समय भी यही तिथि और नक्षत्र थे. 27 अगस्त 1986 को इसी विशेष योग में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया था.
ढाई दशक से अधिक समय बाद इस साल विशेष योग में कृष्ण भक्ति का अवसर भक्तों के हाथ लगा है. देश भर में एक साथ 28 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी.