गुरुवार रात ग्रहों की चाल से मुश्किलों का अंबार खड़ा हो सकता है. ज्योतिष और जानकार सलाह दे रहे हैं कि आने वाले 6 महीनें जरा संभल कर रहें.
ज्योतिषों की सलाह है कि सोच समझ कर काम करें सभी लोग क्योंकि दो क्रूर ग्रह शनि और मंगल साथ आ रहे हैं.
इन दोनों ग्रहों का मिलन कन्या राशि में हो रहा है, जिसकी वजह से जीवन के हर क्षेत्र में कई परेशानियां आ सकती हैं. ज्योतिषाचार्य सुरेश कौशल जी इन ग्रहों की चाल से बचने का उपाय बताएंगे, लेकिन उससे पहले जान लीजिए इन ग्रहों की चाल से क्या नुकसान हो सकते हैं.
18 दिसंबर तक का समय बहुत सावधानीपूर्वक निकालना होगा. नौकरी में किसी भी असावधानी से बचना होगा साथ ही व्यापार में सोच समझ कर फैसले लेने होंगे. सेहत और रिश्तों के मामले में भी सावधानी बरतने की जरूरत होगी. आने वाले छह महीने का समय आपकी हर तरह से परीक्षा ले सकता है. क्योंकि इस दौरान ग्रह बुनेंगे ऐसा जाल, जिसे समझे बिना अगर आपने कोई भी कदम उठाया तो कठिनाइयां कदम-कदम पर आपका जीना दुश्वार कर सकती हैं.
ये सब होगा 21 की आधी रात को जब मंगल कन्या राशि में प्रवेश कर जाएगा. इस राशि में शनि पहले से ही चल रहा है. इसके अलावा 21 की ही शाम को धन का कारक ग्रह बुध कर्क राशि में चला जाएगा. सूर्य अपने शत्रु राहु के नक्षत्र आर्द्रा में पहले से चल रहा है और बना रहा है षडाष्टक योग.
इनके अलावा देव गुरु बृहस्पति और शुक्र एक ही राशि में राहु के सामने हैं. ज्योतिषियों का कहना है कि सूर्य के वायु राशि और शनि मंगल के पृथ्वी राशि में होने से रिकॉर्डतोड़ गर्मी और उमस पड़ेगी.
वहीं सूर्य पर शनि की दृष्टि भारी राजनैतिक अस्थिरता पैदा करेगी. यही नहीं शनि की चंद्र और सूर्य पर दृष्टि लोगों के आत्मबल पर जहां असर डालेगी वहीं मनोस्थिति को खराब भी करेगी. स्वास्थ्य के लिहाज से, नौकरी, व्यापार के लिहाज से ये ग्रह स्थिति काफी खराब मानी जा रही है. धन का आगमन अचानक कम हो जाएगा और व्यापार में मेहनत के अनुसार फल नहीं मिलेगा.
ज्योतिषी इस ग्रह स्थिति को देव असुर युद्ध के रूप में भी देख रहे हैं, जिसमें फिलहाल असुरों का पलड़ा भारी दिख रहा है. ज्योतिषियों का कहना है कि ऐसी ग्रह स्थित करीब 90 साल बाद बन रही है, जिसके परिणाम जातकों के विपरीत जाकर उन्हें परेशान करने वाले साबित हो सकते हैं.
18 दिसंबर तक ग्रह इसी तरह से चाल बदल-बदल कर परेशान करते रहेंगे, जिससे बचने के लिए जरूरी होगा कि आप अपने उपाय कर लें और मंत्रों का कवच हासिल कर लें. ऐसा करने से ग्रहों के विपरीत प्रभाव आपकी जिंदगी में उथल-पुथल नहीं मचा पायेंगे औऱ आप आसानी से चुनौतियों का सामना कर पायेंगे.
इस प्रकार की ग्रह स्थिति और ऐसा असंतुलन लगभग 90 साल पहने बना था ये ग्रह स्थिति हिंसक रूप में अपना असर दिखायेगी. शनि चित्रा नक्षत्र में हिंसक है, राहु वृश्चिक में होने से हिंसक है और सूर्य आर्द्रा में हिंसक हैं. साथ ही गुरू की शुभता कम हो जाएगी.