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दिवाली पर मां लक्ष्मी खिंची चली आएंगी आपके द्वार

रोशनी के जगमग के बीच मां लक्ष्मी की पूजा कर उनसे वरदान पाने का मौका आ गया है. पूजा की पूरी तैयारी तो आप कर चुके होंगे, दिवाली के दिन आप मां लक्ष्मी के 8 रूपों की पूजा कर उठा सकते हैं इस मौके का पूरा लाभ. इस बारे में जानिए वेदांताचार्य सर्वानंद जी से.

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दिवाली का पूजा विधान
दिवाली का पूजा विधान

रोशनी के जगमग के बीच मां लक्ष्मी की पूजा कर उनसे वरदान पाने का मौका आ गया है. पूजा की पूरी तैयारी तो आप कर चुके होंगे, दिवाली के दिन आप मां लक्ष्मी के 8 रूपों की पूजा कर उठा सकते हैं इस मौके का पूरा लाभ. इस बारे में जानिए वेदांताचार्य सर्वानंद जी से.

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तो कौन-कौन से हैं लक्ष्मी के वो 8 रूप और क्या है पूजा का पूरा विधि-विधान.

अमावस की अंधेरी रात में जब मां लक्ष्मी के मंत्र गूंजते हैं तो हर ओर जल उठते हैं दीए. जगमग रोशनी और पटाखों की गूंज अमावस को बना देती है रोशन, खुशी और उत्सव के रंगों से धरती से लेकर आसमान तक जगमगा उठते हैं.

मां लक्ष्मी की कृपा पाने का दिन है दीयों का त्योहार दिवाली. धन दौलत से घर भरने का दिन है दिवाली. इस दिन लक्ष्मी, गणेश और कुबेर के साथ घर आती हैं और धन दौलत का कभी न खत्म होने वाला भंडार देकर जाती हैं.

ये दिवाली भक्तों की किस्मत चमकाने वाली साबित होगी क्योंकि इस बार सूर्य, चंद्रमा और शनि तीनों ग्रह तुला राशि और स्वाति नक्षत्र में होंगे. जिसका सीधा अर्थ है कि यदि आप लंबे समय से अपने घर का सपना देख रहे हैं तो इस बार की दिवाली आपको दे रही है अपना ये सपना साकार करने का मौका. बुध और शुक्र पर पड़ रही गुरू की शुभ दृष्टि ने सोने पर सुहागा का काम किया है. इस ग्रह स्थति ने सभी राशियों के लोगों की धन स्थिति उत्तम करने के लिए बेहद प्रबल ग्रह स्थिति का निर्माण कर दिया है. यानी दिवाली पर अगर आपने सही समय पर विधि विधान से पूजा कर ली तो आपके घर में लक्ष्मी आएंगी ही नहीं बल्कि हमेशा के लिए बस भी जाएंगी. व्यापार और नौकरी के लिहाज से भी लक्ष्मी की पूजा काफी शुभ साबित होगी. कर्ज उतर जाएगा और मकान व वाहन भी आप खरीद सकेंगे.

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यानी मुश्किलें खत्म होने में अब ज्यादा समय नहीं रह गया है. दीपावली के रंग और जगमगाहट भरने वाले हैं आपके और हमारे जीवन में रोशनी और उत्साह. साल भर मुश्किलों से जूझने के बाद अब खुशियां और लक्ष्मी देने वाली हैं द्वार पर दस्तक. बस करनी होगी सही सामग्री, शुभ मुहूर्त और विधि विधान से लक्ष्मी की पूजा.

पूजा का मुहूर्त
शाम 3 बजकर 45 मिनट से लेकर देर रात 2 बजकर 45 मिनट तक

पूजन सामग्री
गंगाजल, पंचपात्र, पंचामृत, लाल वस्त्र, आभूषण, चंदन, पुष्प, दीप, नैवेद्य, पान, लौंग-इलायची, सुपारी, कलश, पंचमेवा, मिश्रीं, पांच तरह के फल, खील, बताशा, बेसन के लड्डू, शरीफा, मिट्टी के 16 दीये, 1 तेल व घी का 1 दीया.

मंत्र
ऊं श्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नम:
ऊं ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नम:
कमलगट्टे या रूद्राक्ष की माला से 11 माला जाप करें

धन लक्ष्मी
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पूजा स्थल को साफ कर रोली से अष्टदल बनाएं
लकड़ी की चौकी पर सफेद वस्त्र बिछाएं
धन लक्ष्मी के साथ गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें
खरीदे गए सामान को पूजा स्थल पर रखें
कमल के पुष्प मां को अर्पित करें
रोली लाल चंदन कुमकुम इत्र अक्षत अर्पित करें
अनार लड्डू का भोग लगाएं
धूप, दीप नैवेद्य से मां का पूजन करें
घंटी शंख बजाकर मां की आरती करें
लाल वस्त्र पहन कर कंबल के आसन पर बैठकर पूजा करें
ऊं श्रीं धन लक्ष्म्यै नम का 11 माला जाप करें
कमलगट्टे या रूद्राक्ष की माला से मंत्र जाप करें
धन संपत्ति की प्राप्ति होगी

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त्रिपुर बाला सुंदरी
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पूजा स्थल को साफ कर रोली से अष्टदल बनाएं
लकड़ी की चौकी पर पीले वस्त्र बिछाएं
त्रिपुर सुंदरी के साथ गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें
खरीदे गए सामान को पूजा स्थल पर रखें
मां को सिंदूर, कुमकुम इत्र अबरक अर्पित करें
लाल पुष्प चढ़ा कर सेव लड्डू का भोग लगाएं
धूप, दीप, नैवेद्य से मां का पूजन करें
चावल के पांच दाने जलाकर घी का एक दीया जलाएं
पीले वस्त्र पहनकर कंबल के आसन पर बैठ कर पूजा करें
ऊं कनकांगद केयूर भूषतायै नम: का 5 माला जाप करें
कमलगट्टे की माला से मंत्र जाप करें
रूके हुए धन की प्राप्ति होगी


षोडशी
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पूजा स्थल को साफ कर रोली से रंगोली बनाएं
लकड़ी की चौकी पर सफेद रेशमी वस्त्र बिछाकर षोडशदल बनाएं
षोडशी के साथ गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें
खरीदे गए सामान को पूजा स्थल पर रखें
मां को सिंदूर, कुमकुम, अक्षत, रक्त चंदन, मेहंदी, इत्र अर्पित करें
पीले पुष्प या पीले फूलों या हर सिंगार के फूलों की माला चढाएं
केला, पेड़े का भोग लगाएं
धूप, दीप, नैवेद्य से मां का पूजन करें
मां के दोनों तरफ पीली सरसों डालकर घी के 2 दीये जलाएं
सफेद रेशमी वस्त्र पहनकर कंबल के आसन पर बैठ कर पूजा करें
ऊं श्रीं वैभव कामरुपणियै षोडशी देव्यै नम: का 11 माला जाप करें
कमलगट्टे की माला से मंत्र जाप करें
यश, वैभव, कीर्ति की प्राप्ति होगी

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महालक्ष्मी
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पूजा स्थल को साफ कर रंगोली बनाएं
लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाकर द्वादशदल बनाएं
महालक्ष्मी के साथ गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें
खरीदे गए सामान को पूजा स्थल पर रखें
मिट्टी या धातु के कलश में जल भर कर रखें
कलश के ऊपर पान के 12 पत्ते, नारियल रखें
कलश के जल में चांदी या सोने का टुकड़ा, अष्टगंध सर्वऔषधि डालें
साथ में पान सुपारी, लौंग इलायची, दूर्वा भी डालें
कलश को मां के बायीं ओर रखें दाहिनी तरफ घी का 1 दीया जलाएं
मां को सिंदूर, कुमकुम, अक्षत, रक्त चंदन, इत्र अर्पित करें
केसर की बनी खीर, अनार का भोग लगाएं
लाल वस्त्र पहनकर कंबल के आसन पर बैठ कर पूजा करें
ऊं श्रीं पद्मावती महालक्ष्मी देव्यै नम: का 11 माला जाप करें
घर में लक्ष्मी का सदैव वास होगा


ललिता
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पूजा स्थल को साफ कर रोली से रंगोली बनाएं
लकड़ी की चौकी पर नीले रंग का वस्त्र बिछाकर अष्टदल बनायें
देवी ललिता के साथ गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें.
खरीदे गए सामान को पूजा स्थल पर रखें
मां को सिंदूर, कुमकुम, अक्षत, रक्त चंदन, इत्र अर्पित करें
मां के सामने कलश में जल में गंगाजल डालकर रखें
कलश पर आम के पत्ते, नारियल रख कर लाल वस्त्र से ढक दें
इत्र डालकर घी का दीया जलाएं
हलवा पूरी, अनार का भोग लगाएं
धूप, दीप, नैवेद्य से मां का पूजन करें
लाल वस्त्र पहन कर कंबल के आसन पर बैठ कर पूजा करें
ऊं सं सौभाग्य कुलेश्वरयै ललिता देव्यै नम: का 11 माला जाप करें
सुख सौभाग्य की प्राप्ति होगी

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अन्नपूर्णा
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पूजा स्थल को साफ कर रोली से रंगोली बनाएं
लकड़ी की चौकी पर पीले रंग का वस्त्र बिछाकर अष्टदल बनाएं
देवी अन्नपूर्णा के साथ गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें
खरीदे गए सामान को पूजास्थल पर रखें
मां को सिंदूर, कुमकुम, अक्षत, रक्त चंदन, इत्र अर्पित करें
पीले पुष्प, मां को जरूर अर्पित करें
धूप, दीप, नैवेद्य से मां का पूजन कर सुहाग सामग्री चढ़ायें
पंचामृत, पंजीरी, हलवा पूरी, काले चने शरीफा फलों का भोग लगाएं
पीले वस्त्र पहनकर कंबल के आसन पर बैठ कर पूजा करें
ऊं कं कामेश्वराय कं कामेश्वरी अन्नपूर्णा देव्यै नम: का 11 माला जाप करें
पूजा के बाद सामग्री को किसी ब्राह्मण स्त्री को दान दे दें
निरोगी काया का आशीर्वाद मिलेगा, हर तरह के तनाव से छुटकारा मिलेगा
दांपत्य संबंधों में मधुरता आएगी


राजराजेश्वरी
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पूजा स्थल को साफ कर रोली से रंगोली बनाएं
लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाकर 16 दल बनाएं
राजराजेश्वरी के साथ गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें
खरीदे गए सामान को पूजा स्थल पर रखें
मां के सामने कलश में जल में गंगाजल डालकर रखें
कलश में पान सुपारी लौंग इलायची सफेद चंदन कमलगट्टा डालें
आम के पत्ते रखकर चावल से भरी कटोरी नारियल रखें
कलश को मां के बायीं ओर रखें मां की दाहिनी तरफ घी का दीया जलाएं
गुड़हल के पुष्पों की माला मां को अर्पित करें
केले लड्डू का भोग लगाएं
लाल रेशमी वस्त्र पहनकर कंबल के आसन पर बैठ कर पूजा करें
ऊं चेतना रूपाययै राजराजेश्वरी देव्यै नम: का 12 माला जाप करें
आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होगी

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वैभव लक्ष्मी
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पूजा स्थल को साफ कर रोली से रंगोली बनाएं
लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाकर अष्टदल बनाएं
वैभव लक्ष्मी के साथ गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें
खरीदे गए सामान को पूजा स्थल पर रखें
मां के सामने स्वास्तिक बनाकर कलश की स्थापना करें
कलश में गंगाजल पंचामृत, गुलाबजल केवड़ाजल डालें
आम के पत्ते, नारियल रख लाल वस्त्र से कलश को ढक दें
कलश को 8 रंग के धागे से बांध दें
घी का एक दीया जलाकर हर सिंगार के पुष्पों की माला चढ़ायें
खील बताशा, पंचमेवा, फलों का भोग लगाएं
धूप दीप, नैवेद्य चढाकर आरती करें
ऊं क्रां श्रीं सृष्टि कृत्यै वैभव लक्ष्मी देव्यै नम: का 16 माला जाप करें
वंश की वृद्धि होगी, धन वर्षा होगी

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