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नवरात्र के साथ ही शुरू हो गई रामलीला

नवरात्र के पहले दिन के साथ ही रामलीला की भी शुरुआत हो चुकी है. दिल्‍ली के आईपी एक्सटेंशन के रामलीला के पहले दिन गणेश पूजा के साथ ही लीला की पहली प्रस्तुति भी पेश की गई.

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रामलीला
रामलीला

नवरात्र के पहले दिन के साथ ही रामलीला की भी शुरुआत हो चुकी है. दिल्‍ली के आईपी एक्सटेंशन के रामलीला के पहले दिन गणेश पूजा के साथ ही लीला की पहली प्रस्तुति भी पेश की गई. रामलीला के पहले दिन आईपी एक्सटेंशन की रामलीला में रावण का भगवान शिव से वरदान और लोगों का भगवान विष्णु से रामअवतार लेने के लिए पूजा अर्चना की लीला के साथ समापन किया गया.

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इस मौके पर लोगों में रामलीला के लिए जबरदस्त उत्साह देखा. कोई अपने पूरे परिवार के साथ रामलीला का आनंद देखने पहुंचा तो कोई मेले में झूला झूलने और खाने पीने. लेकिन हमेशा अपनी अलग पहचान कायम करने वाली इस रामलीला में इस बार दर्शकों को कुछ ऐसे अनुभव मिलेंगे जो अन्य किसी रामलीला में देखने को नही मिलती.

रामलीला कमेटी के अध्यक्ष सुरेश बिंदल ने कहा, ‘हम दूसरे दिन अलग लीला की प्रस्तुति करेंगे जो दूसरे रामलीलाओं से अलग है इसे हमने गोरखपुर से गीता प्रेस उठाया है.

आईपी एक्सटेंशन की रामलीला में किरदारों के अलग अलग रूप भी देखने को मिलेंगे. राम का किरदार निभाने वाले नीतिन की पत्नी सूर्पनखा का किरदार निभा रही हैं. इसके अलावा कैकई और सीता का किरदार निभाने वाली कलाकार भी आपस में बहने हैं.

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रामलीला के मंच का कोई भी किरदार हो, लोगों की कहानी के साथ साथ हर किरदार और उसकी अदायगी में दिलचस्पी होती है. इसीलिए तो सैकड़ों सालों की ये परंपरा आज भी अपना आकर्षण बनाए हुए है. रामलीला का मकसद बुराई पर अच्छाई की जीत है. रावण बुराई और भ्रष्टाचार का प्रतीक है, जिसका नाश जरूरी है. आइए देखते हैं रामलीला में काम करने वाले कलाकार असल रावण के बारे में क्या सोचते हैं.

रावण का किरदार निभा रहे है सतीश को इस बात का गर्व है कि वो लोगों को रामलीला के मंच से एक अच्छा संदेश देते है. उनका कहना है कि भले ही त्रेता युग में राम ने रावण को मार दिया है लेकिन आज के भारत में रावण अब भी जिंदा है जिसे मारने की जरूरत है. वहीं राम और शूर्पनखा का किरदार निभा रहे असल जीवन के पति पत्नी का भी मानना है कि रावण आज भी जिंदा है. कहीं अत्याचार के रूप में तो कही भ्रष्टाचार के रूप में.

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