इस साल यहां दशहरे पर जिस रावण का दहन किया जाएगा वह आधुनिक रंगरूप में नजर आएगा.
दशहरे से पहले रावण के पुतले बनाने का काम तेजी से चल रहा है और यहां गोपालपुरा बाईपास के पास कलाकारों की अंगुलियां उसकी बड़ी बड़ी आंखे, घुंघराले मूंछ, चौड़े होंठों को अंतिम रूप देने में जुटी हैं.
जोगी समाज के 160 परिवारों के 300 से अधिक सदस्य पिछले एक माह से रावण के पुतले बनाने में लगे हैं. एक कलाकार जगदीश जोगी ने प्रेस ट्रस्ट से कहा, ‘रावण इस साल अलग अंदाज में नजर आएगा. उसने पैंट और जूते पहने होंगे. उसके खड़े होने का पोज भी थोड़ा अलग होगा. हमने उसे भिन्न बनाने के लिए पुतले के डिजायन बदल दिया है.’
उन्होंने कहा, ‘कई सालों से हम बेलनकार पैटर्न में पुतले बनाते आ रहे थे, लेकिन इस साल ज्यादातर पुतले के पैरों में जूते होंगे और वे अपने पैरों पर खड़े रहेंगे. उसके चेहरे का हावभाव भी कुछ अलग होगा जिसे बाद में तय किया जाएगा.’