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अक्षय तृतीया पर हर काम में मिलेगा अक्षय लाभ, बस बचें शनि के प्रकोप से

शनि 18 अप्रैल बुधवार सुबह 7.15  बजे वक्री हुए हैं. 6 सितम्बर तक लगभग 4 महीने 20 दिन शनि की चाल उल्टी होने वाली है. आपको एक बात का ध्यान रखना होगा कि जो भी करें, शनि का उपाय करके करें.

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अक्षय तृतीया 2018 (Akshay Tritiya 2018)
अक्षय तृतीया 2018 (Akshay Tritiya 2018)

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लक्ष्मी जी की कृपा से धन पाने का महादिवस आया है. 18  अप्रैल वैशाख शुक्ल तृतीया बुधवार  को अक्षया तृतीया है. बहुत शुभ दिन और बहुत शुभ अबूझ मुहूर्त है. अकूत धनलाभ मिलेगा. शादी ब्याह, जनेऊ, गृह प्रवेश, रोका, क्षेका कर सकते हैं. धन लाभ के उपायों का शुभ आरम्भ कर सकते हैं. मकान जमीन ,सोना खरीदना बहुत शुभ होगा --चांदी भी ले सकते हैं. आपको बहुत लाभ होगा. बस आपको एक बात का ध्यान रखना होगा कि जो भी करें, शनि का उपाय करके करें. वरना कोई लाभ नहीं होगा. उलटा नुकसान ही हो जाएगा. शनि 18 अप्रैल बुधवार सुबह 7 . 15  बजे वक्री हुए हैं. 6  सितम्बर तक लगभग 4  महीने  20 दिन शनि की चाल उल्टी होने वाली है. सरसों तेल -काली उड़द दान करके और पीपल पर जल चढ़ाकर करें वरना बहुत नुकसान हो सकता है.

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सैकड़ों साल बाद इस बार अख्खा तीज का अद्भुत संयोग बना है. हर काम में कई गुना लाभ मिल सकता है. नए तरीके से शिक्षा, नौकरी या बिज़नेस शुरू करने या सोना चांदी खरीदने से तीन गुना लाभ मिलेगा. जो लाभ होगा --वह अक्षय होगा ,यानि कभी खत्म नहीं होगा. इस बार ग्रह नक्षत्र का अद्भूत संयोग बना है. शास्त्रों के अनुसार वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि हो, साथ में तृतीया तिथि कृतिका नक्षत्र से शुरू हो. कृतिका नक्षत्र का स्वामी सूर्य है. उच्च के सूर्य और शुक्र भी मेष राशि में है. चन्द्रमा भी वृष राशि में उच्च के हैं. अद्भुत संयोग बन जाता है. इससे कई  गुना धन लाभ होगा. सर्वार्थ सिद्धि योग भी बना है.

किसकी पूजा होगी

अक्खा  तीज --अक्षय तृतीया--तृतीया की स्वामिनी माँ गौरी होती हैं. माँ गौरी यानी  लक्ष्मी और सरस्वती स्वरुप की कृपा बरसेगी. वैशाख शुक्ल तृतीया माँ लक्ष्मी जी के साथ विष्णु देव का भी विशेष दिन होता है. विष्णु जी के छठे अवतार परशुराम जी की पूजा होती है. तृतीया तिथि माँ गौरी और शिव जी की पूजा करनी चाहिए. विवाह का बहुत अच्छा मुहूर्त माना जाता है. सोना ,पीतल और कांसा खरीदना बहुत शुभ होगा अक्षय यानि कभी ना खत्म होनेवाला बन जाता है.

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उपाय

अक्षया तृतीया का व्रत करना उचित है. लक्ष्मी विष्णु पूजन करें. साथ ही माता गौरी की भी पूजा होगी. फल मिठाई पंचामृत और दक्षिणा चढ़ाएं.

बच्चों का मन पढ़ाई में लगे. दिमाग तेज हो जाए. खुद माता पिता या बच्चे उपाय करें. बांके विहारी जी या कृष्ण जी के दर्शन करें या बाल कृष्ण की पूजा करें. पेड़ा ,बादाम  और माखन चढ़ाएं और प्रसाद सेवन कर लें. बच्चे खूब बांसुरी बजाएं.

 

अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त-

गौरी जी ,लक्ष्मी जी  और विष्णु जी की पूजा मुहूर्त ----सुबह 9 से 12  बजे तक

सोना चांदी या आभूषण खरीदने का मुहूर्त ---दोपहर 1 . 30 बजे से 4  बजे तक

दोपहर 1 . 30  के बाद रात भर शुभ काम कर  सकते है

इसी मुहूर्त में सगाई--शादी , गृह प्रवेश, गृह आरम्भ कुछ भी करना शुभ होगा.

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