सोमवार को अक्षय तृतीया है, धन से जुड़े तीन ग्रह वृषभ राशि में है, 2 ग्रह उच्च, मंगल अपनी राशि मेष में है. सैकड़ों सालों में अक्षय तृतीया आती है. इस बार अक्षय तृतीया मृगशिरा नक्षत्र में आ रही है.
शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया यदि सोमवार और मृगशिरा नक्षत्र में आए तो उसका फल कई गुना अधिक बढ़ जाता है. वैसे तो अक्षय तृतीया को खरीदारी और शुभ कामों के लिए अनबूझ मुहूर्त माना ही जाता है, लेकिन इस बार इतनी प्रबल ग्रह स्थिति की वजह से यह तृतीया और अधिक फलदायी हो गई है.
इसके अलावा इस दिन धन और वित्त से जुड़े तीन ग्रह बुध, देवगुरू बृहस्पति और शुक्र तीनों ही वृषभ राशि में होंगे, जो कालपुरूष में धन की राशि है. इतना ही नहीं शनि, सूर्य दोनों ही ग्रह उच्च होंगे और मंगल अपनी ही राशि मेष में होंगे. कुल मिलाकर 6 ग्रहों की स्थिति बेहद प्रबल होगी. ज्योतिषियों का कहना है कि ऐसी ग्रह स्थिति कई सौ सालों में देखने को मिलती है.
चतुर्थी तिथि सोने पर सुहागा करेगी जो दोपहर 12 बजकर 48 मिनट से शुरू होगी क्योंकि चतुर्थी तिथि भगवान गणेश से जुड़ी है. भगवती गौरी संग गणेश की पूजा इस दिन की शुभता को और अधिक बढ़ा देगी. ग्रहों की यह दशा-दिशा अक्षय तृतीया की खरीदारी को तो महाफल दिलाएगी ही साथ ही बड़े कामों, बड़े फैसलों को भी सफलता की मंजिल तक पहुंचा देगी.
ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इस अक्षय तृतीया पर खरीदारी करने के अलावा कुछ और बाधाओं को दूर करने की दिशा में भी आप कदम उठा सकते हैं. अगर वास्तु दोष की वजह से परिवार पर असर पड़ रहा हो, धन की कमी रहती हो, झगड़े-मुकदमों का योग बना हुआ है या नए घर में प्रवेश करने का शुभ मुहूर्त नहीं बन रहा तो यह सबसे अच्छा दिन है. यही नहीं कन्या के विवाह की बाधा दूर करने के लिए अगर तृतीया के दिन सबसे छोटी कन्या से गौरी की प्रतिष्ठा करा दी जाए तो शादी के रोड़े हटते देर नहीं लगेगी.
व्यापार के घाटे को दूर करने के लिए इस दिन अगर आप कार्य़स्थल पर लक्ष्मी पूजा कर लेंगे तो डूबा हुआ व्यापार चमक उठेगा. उच्च पदों की प्राप्ति के लिए यह दिन बेहद उत्तम माना जा रहा है.