जम्मू-कश्मीर में पवित्र अमरनाथ की यात्रा शुरू हो गई है. देश के कोने-कोने से हजारों श्रद्धालु पहलगाम और बालटाल के रास्ते पवित्र गुफा के दर्शन के लिए तड़के सुबह ही अपनी अपनी यात्रा शुरू कर चुके हैं. सेना और सशस्त्र सुरक्षा बलों की कड़े पहरे में अमरनाथ की यात्रा शुरू हुई. पहलगाम में बुधवाप दोपहर से ही हजारों लोगों का आना शुरू हो गया था.
पहलगाम में तमाम भक्तों के लिए कैंप लगाए गए हैं, वहीं खाने पीने के लिए लंगर लगे हुए हैं. यात्रिओं के लिए मेडिकल कैंप भी लगाए गए हैं, गुजरात से नवीन अपने पूरे ग्रुप के साथ आए हैं. पूरी टीम के हौसले बुलंद हैं. भक्तों में से एक हेतल ने कहा, "हमें कोई डर नहीं है. हम बाबा के भक्त हैं और दर्शन के लिए आए हैं".
दिल्ली से आए सुनील कुमार अपने पूरे परिवार के साथ पांचवीं बार लगातार बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए आए हैं. सुनील ने कहा, "जब तक बाबा की कृपा है तब तक कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता, जिसे पत्थर मारना हो मारे हम दर्शंन जरूर करेंगे."
सुरक्षा एजेंसियों के सामने अमरनाथ यात्रा को सकुशल संपन्न कराना बड़ी चुनौती है. ध्यातव्य है कि इस साल यात्रा के बीच बुरहान वानी की पहली बरसी भी पड़ने की वजह से सुरक्षा बलों की चिंताएं और भी बढ़ी हुई हैं. दरअसल, कश्मीर घाटी में कुछ आतंकवादियों की बरसी का वक्त हमेशा से संवेदनशील रहा है. इस दौरान अलग-अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन चरम पर पहुंच जाता है.
सुरक्षा बलों के लिए अब इस बार 8 जुलाई की तारीख काफी चुनौतीपूर्ण हो सकती है. पिछले साल इसी तारीख को हिजबुल मुजाहिद्दीन कमांडर बुरहान वानी मारा गया था. सुरक्षा बलों को इस बात का डर है कि जुलाई में अमरनाथ यात्रा के दौरान विरोध प्रदर्शनों की वजह से कोई बाधा न आ जाए.