उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू करने की तैयारी चल रही है तो वहीं खराब मौसम इस यात्रा में आड़े आ रहा है. पहाड़ों पर इस बार अप्रैल के महीने में भी लगातार रुक रुककर बारिश हो रही है.
इस बार जनवरी से लेकर अब तक 25 वेस्टर्न डिस्टरबेंस आ चुके हैं. और इस वजह से हिमालय के ज्यादातर इलाकों में बारिश और बर्फबारी सामान्य से ज्यादा हुई है. मौसम की इस बदलते रुख का असर चार धाम की यात्रा पर भी पड़ रहा है. हालात ये है कि केदारनाथ के इलाके में बर्फबारी का सिलसिला बना हुआ है और ऊपरी इलाकों में बर्फ की मोटी चादर जमी हुई है.
मौसम विभाग के मुताबिक मई के महीने में पहाड़ों पर बारिश का सिलसिला एक बार फिर शुरू होने जा रहा है. 30 अप्रैल को एक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस उत्तर भारत में दाखिल होने जा रहा है जिसके चलते 1 मई से लेकर 4 मई तक जम्मू-कश्मीर से लेकर उत्तराखंड के तमाम पहाड़ी इलाकों में मध्यम दर्जे की बारिश होने की संभावना है.
खराब मौसम का असर टूरिज्म पर भी पड़ रहा है. उत्तराखंड टूरिज्म की डिप्टी डायरेक्टर पूनम चांद का कहना है कि चार धाम की ऊंचाई तकरीबन 3000 मीटर से ऊपर की है लिहाजा इन इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश भी कंपकंपी छुड़ा सकती है. बद्रीनाथ हो या केदारनाथ दोनों जगहों पर बर्फ जमी हुई है लिहाजा यहां जाने वाले यात्रियों को खास ख्याल रखना पड़ेगा.
भले ही उत्तराखंड टूरिज्म के अधिकारी ये कह रहे हों कि केदारनाथ में अच्छा नजारा देखने को मिलेगा लेकिन चार धाम यात्रा की जब भी बात होती है तो लोगों के जेहन में पिछले साल केदारनाथ धाम में हुई भारी तबाही का मंजर कौंध जाता है. लिहाजा मौसम को लेकर आशंका बनी हुई है.
गौरतलब है कि इस बार गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट 2 मई को खुलेंगे. केदारनाथ धाम के कपाट 4 मई को खुल रहे हैं तो वहीं बद्रीनाथ धाम के कपाट 5 मई को खुलेंगे.