आचार्य चाणक्य ने अपनी किताब चाणक्य नीति में जीवन से जुड़ी कई बातों पर अपने विचार रखे हैं. चाणक्य एक महान राजनीतिज्ञ और कूटनीतिज्ञ माने जाते हैं. उन्होंने जीवन की मुश्किलों और अपने विरोधियों पर जीत हासिल करने को लेकर कुछ महत्वपूर्ण नीतियां साझा की हैं.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हर मित्रता के पीछे कोई ना कोई स्वार्थ होता है. वे कहते हैं कि ऐसी कोई मित्रता नहीं जिसमें स्वार्थ ना हो.
चाणक्य कहते हैं कि इस बात का आभास मत होने दीजिए कि आपने क्या करने के लिए सोचा है, बुद्धिमानी से इसे रहस्य बनाएं रखें और इस काम को करने के लिए दृढ़ रहें.
चाणक्य कहते हैं कि जैस ही डर आपके करीब आए उस पर प्रहार कर उसे नष्ट कर दें. इसके अलावा आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जब आप किसी काम की शुरुआत करें तो असफलता से नहीं डरना चाहिए और ना ही उस काम को छोड़ना चाहिए. चाणक्य कहते हैं कि जो लगो ईमानदारी से काम करते हैं वे सबसे प्रसन्न होते हैं.
चाणक्य कहते हैं कि जो बीत गए उसके बारे में पछतावा नहीं करना चाहिए और ना ही भविष्य को लेकर चिंतित होना चाहिए. चाणक्य कहते हैं कि विवेकवान व्यक्ति हमेशा आज में जीता है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि सेवक को तब परखना चाहिए जब आप काम ना कर रहे हों. रिश्तेदार को किसी मुश्किल में, दोस्तों को संकट में और पत्नी को घोर विपत्ति में परखें.
चाणक्य कहते हैं कि पहले पांच साल अपने बच्चे को बहुत ही प्यार से रखें. फिर अगले पांच साल उन्हें डांस-डपट के रखें. जब वो 16 साल का हो जाए तो उसके साथ एक मित्र की तरह व्यवहार करें. चाणक्य कहते हैं कि आपके व्यस्क बच्चे ही आपके सबसे अच्छे मित्र हैं.
चाणक्य कहते हैं कि अगर सांप जहरीला ना भी हो तो भी उसे खुद को जहरीला दिखाना चाहिए.
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