उत्तराखंड सरकार अब चार धाम की यात्रा सर्दियों में भी शुरू करने की योजना बना रही है. पहले चार धाम की यात्रा अक्टूबर-नवंबर मे बंद रहती थी और अप्रैल-मई में जाकर शुरू होती थी. देखें: स्वर्ग के द्वार खोलते बद्रीनाथ-केदारनाथ
सर्दियों में चार धाम की यात्रा शुरू करने के लिए सरकार ने पर्यटन विभाग से भी बातचीत की है और उन्हें इसके प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी है. सरकार ने ये फैसला स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए लिया है. तेज बारिश और बाढ़ के चलते राज्य की अर्थव्यवस्था बिगड़ गई है और सरकार को उम्मीद है कि इससे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा.
यह फैसला सरकार, मंदिर समितियों और चार धाम के पंडा समाज के साथ लंबी बैठक के बाद लिया गया है. सरकार ने इस क्षेत्र की सड़कों की मरम्मत और यात्रियों को अन्य मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने की कोशिशें शुरू कर दी हैं.
चार धाम केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और बद्रीनाथ के पुरोहितों के साथ इस बैठक में मुख्यमंत्री हरीश रावत भी मौजूद थे. तीर्थपुरोहितों और पंडा समाज के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि यह शास्त्र सम्मत और धर्म सम्मत है.
आपको बता दें कि सर्दियों के लिए भगवान बद्रीनाथ के कपाट 27 नवंबर को, केदारनाथ के 25 अक्टूबर को और यमुनोत्री के 21 अक्टूबर और गंगोत्री के भी 21 अक्टूबर को ही कपाट बंद होने प्रस्तावित हैं. इनके बंद होने के बाद अब तक इन धामों के दर्शन इनके शीतकाल प्रवास स्थल क्रमशः जोशीमठ, उखीमठ, खर्साली और मुखवा गांव में होते थे.
हरीश रावत ने कहा, 'चार धाम की यात्रा सर्दियों में शुरू होने से उत्तराखंड के लिए ये एक नई शुरुआत होगी. यात्रा का मौसम राज्य में पूरे साल रहेगा.'