देश भर में आज जन्माष्टमी मनाई जा रही है. देश भर में मंदिरों को भव्य तरीके से सजाया गया है. कृष्ण कन्हैया के बाल स्वरुप के दर्शन के लिए मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ी पड़ी है. दिल्ली के इस्कॉन में श्रद्धालुओं का तांता लगा है. वहीं वृंदावन में भी जन्माष्टमी के मौके पर देश-विदेश से कृष्ण भक्त पहुंचे हुए हैं.
जन्माष्टमी के मौके पर हैदराबाद के इस्कॉन मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया है. यहां सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी है. मंदिर में कृष्ण कन्हैया के जयकारे लगे रहे हैं.
Hyderabad's ISKCON Temple witnesses rush of devotees for celebrations of #Janamashtami pic.twitter.com/X4xThtwnNu
— ANI (@ANI) August 14, 2017
वहीं ओडिशा के भुवनेश्वर के इस्कॉन मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी है.
Odisha: People throng to Bhubaneshwar's ISKCON Temple for celebrations of #Janamashtami pic.twitter.com/F5FpWpUalM
— ANI (@ANI) August 14, 2017
देश ही नहीं, विदेशों में जन्माष्टमी की धूम है. नेपाल में सभी कृष्ण मंदिरों में भक्त कन्हैया के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं.
Devotees visit Krishna Temple in Nepal's capital Kathmandu for celebrations of #Janamashtami (Earlier Visuals) pic.twitter.com/bmTqs7ZawO
— ANI (@ANI) August 14, 2017
इस बार देश में दो दिन 15 और 16 अगस्त को जन्माष्टमी मनाने की बात कही जा रही है. शास्त्रों के अनुसार, भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. इस दिन वृष राशि में चंद्रमा व सिंह राशि में सूर्य था. इसलिए श्री कृष्ण के जन्म का उत्सव भी इसी काल में ही मनाया जाता है. लोग रातभर मंगल गीत गाते हैं और भगवान कृष्ण का जन्मदिन मनाते हैं.
इस बार अष्टमी 14 अगस्त को सायं 07.45 पर आरम्भ होगी और यह 15 अगस्त को सायं 05.40 पर समाप्त होगी. अष्टमी तिथि दो दिन होने के कारण लोगों के बीच यह प्रश्न है कि जन्माष्टमी कब मनाई जाएगी 14 या 15 अगस्त को. इस बारे में ज्योतिषाचार्य प्रवीण मिश्र बताते हैं कि मथुरा और वृंदावन में 15 अगस्त को ही कान्हा का जन्मदिवस मनाया जाएगा. स्कॉन मंदिर के अनुसार भी 15 अगस्त को ही जन्माष्टमी मनाई जाएगी.
ज्योतिषाचार्य प्रवीण मिश्र ने बताया कि हालांकि कुछ जगहों पर लोग 14 अगस्त को भी जन्माष्टमी मना रहे हैं. शिव को मानने वाले शैव, विष्णु यानी कृष्ण को मानने वाले वैष्णव कहलाते हैं. शैव मत वाले एक दिन पहले रात में पर्व मनाते हैं, जबकि वैष्णव उदियात तिथि के बाद. इसलिए दोनों के पर्व दो दिन तक मनते हैं. शैव मत अनादिकाल से है, जबकि वैष्णव मत 500 वर्ष से. शैव मत अनुसार 14 अगस्त की रात अष्टमी तिथि लगने पर कृष्ण जन्म मनेगा . वहीं वैष्णव मंदिरों में 15 अगस्त की रात कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा.
इस बार जन्माष्टमी पर सर्वार्थसिद्धि योग बन रहा है. जो मंगलवार सुबह 6 बजकर 7 मिनट पर शुरू होने के साथ रात 2 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. मंगलवार को सर्वार्थसिद्धि योग होने से इस दिन खरीदारी करना शुभ रहेगा. कृतिका नक्षत्र व मंगल के संयोग में बाजार से भूमि, गहने, बर्तन और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की खरीदारी शुभ होगी.