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मदीना के तर्ज पर बन रहे हैं ताजिए

उत्तर प्रदेश में मोहर्रम के मौके पर इस बार खास तरीके से बन रहे ताजिए लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. इन ताजियों को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है. खास बात यह है कि हिंदू व मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग मिल जुलकर ताजिया बना रहे हैं, जो आपसी सौहार्द की मिसाल है.

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Symbolic Image
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उत्तर प्रदेश में मोहर्रम के मौके पर इस बार खास तरीके से बन रहे ताजिए लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. इन ताजियों को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है. खास बात यह है कि हिंदू व मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग मिल जुलकर ताजिया बना रहे हैं, जो आपसी सौहार्द की मिसाल है.

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राज्य के महराजगंज जनपद के मिठौरा गांव में मदीना की तर्ज पर ताजिया बनवाया जा रहा है। इस गांव के नसीर सादिक ने बताया कि ताजिए में नूह की कस्ती व ऊपर मदीना एवं काबा बनाया गया है। ताजिए की लंबाई 65 फुट, चौड़ाई 42 फुट तथा ऊंचाई 70 फुट है.

ताजिया बनाने वाले शाकिर अली ने बताया कि ताजिया निर्माण में 300 बांस, 15 किलोग्राम धागा, एक क्विंटल मैदा तथा 375 दिस्ता कागज लगा है. इसी तरह अमतहां गांव में भी 110 फुट ऊंचा ताजिया बनाया जा रहा है, जिसकी लंबाई एवं चौड़ाई 40 फुट है. यह ताजिया मस्जिद-ए-नुबुई की तर्ज पर बनाया गया है.

मोरवन गांव में भी दो लाख रुपये की लागत से ताजिया का निर्माण किया जा रहा है. इस गांव के तस्लीम अहमद ने बताया कि सबसे बड़े ताजिए की लंबाई 50 फुट और चौड़ाई 25 फुट है. इस ताजिया की खासियत यह है कि इसमें 18 मीनारें और 18 गुंबद बनाए गए हैं. इस बार मोहर्रम चार नवंबर को मनाया जाएगा.

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- इनपुट IANS

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