राहु और केतु को नवग्रहों में छाया ग्रह कहा जाता है. सूर्य और चन्द्रमा के कटाव बिन्दुओं से इनका निर्माण होता है. सूर्य और चन्द्रमा पर ही जीवन आधारित है अतः इनके कटाव बिन्दु भी काफी महत्वपूर्ण हो जाते हैं. इनका प्रभाव अत्यन्त रहस्यमयी होता है और अक्सर समझ नहीं आता.
राहु पूरी तरह से नकारात्मक ग्रह होता है और नुकसान ही पहुंचाता है. ये छाया की तरह हर ग्रह के प्रभाव को कमजोर कर देता है. ये जीवन के जिस भाग पर असर डालता है उसमें विचित्र तरह की समस्या हो जाती है.
राहु किस तरह व्यक्ति के आहार-विहार पर असर डालता है?
- राहु व्यक्ति के अन्दर नकारात्मक ऊर्जा भर देता है.
- व्यक्ति की सोच, खान-पान आदि दूषित हो जाते हैं.
- ऐसे लोग फास्ट फूड, शीतल पेय और नशे के आदी हो जाते हैं.
- इनकी जीवनचर्या बिल्कुल अनिश्चित होती है.
इस असर को समाप्त करने के उपाय-
- नित्य प्रातः ब्रश करने के बाद तुलसी के पत्ते खाएं.
- स्नान के बाद सफेद चन्दन मस्तक, कंठ और नाभि पर लगाएं.
- भोजन हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुख करके करें.
राहु व्यक्ति के काम और रोजगार पर किस तरह असर डालता है?
- ऐसे लोग आकस्मिक धन कमाने के चक्कर में रहते हैं.
- लॉटरी, शेयर बाजार और जुए-सट्टे में लग जाते हैं.
- इन्हे इलेक्ट्रिकल इलेक्ट्रॉनिक्स, तकनीक और शराब आदि के व्यवसाय में भी देखा जाता है.
- काम कुछ भी हो पर इन्हे बार-बार उतार चढ़ाव और बदलाव का सामना करना पड़ता है.
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उपाय-
- शनिवार को पिंजरे में कैद पक्षियों को आजाद करवाएं.
- गले में तुलसी की माला धारण करें.
- घर और दुकान में से अनुपयोगी वस्तुओं को हटा दें.
राहु पारिवारिक जीवन पर कैसे असर डालता है?
- पारिवारिक जीवन अच्छा नहीं होता, अक्सर विवाह तनाव का कारण बनता है.
- एक से ज्यादा विवाह होने की सम्भावना होती है, विवाहेत्तर सम्बन्ध भी हो जाते हैं.
- पारिवारिक संपत्ति या तो नहीं मिलती या मुकदमों में फंस जाती है.
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- संतान उत्पत्ति में देरी होती है और एक संतान समस्या का कारण बनती है.
उपाय-
- नित्य प्रातः सूर्य को जल अर्पित करें.
- सूर्यास्त के बाद राहु के मन्त्र "ॐ रां राहवे नमः" का 108 बार जाप करें.
- हर सोमवार को सफेद चन्दन शिवलिंग पर लगाएं.
राहु किस तरह की बीमारियां देता है?
- त्वचा और मुंह के गंभीर रोग होने की सम्भावना.
- मूत्र रोग और कल्पना की बीमारियां.
- ऐसे लोगों को बड़ी बीमारियों के होने का वहम होता रहता है.
- कोई भी ऐसी बीमारी जो पकड़ में न आ रही हो.
उपाय-
- नीले धागे में बांधकर चन्दन गले में धारण करें.
- पीले रंग का रुमाल साथ में रखें.
- भोजन में दूध और दूध से बनी हुई चीजें जरूर ग्रहण करें.
- नित्य प्रातः और सायं 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करें.