आज करवाचौथ है. आज महिलाओं ने अपने अखंड सुहाग के लिए व्रत रखा है. आज पूरे दिन निरजल व्रत रखकर महिलाएं अपने सौभाग्य की कामना करती हैं.
सोलह श्रृंगार करके चंद्रमा की पूजा करती हैं और चांद को छन्नी में देखने के बाद पति का दर्शन करती हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि महिलाएं करवा चौथ के दिन छन्नी से चांद को क्यों देखती हैं. जानिये...
इस तिथि का अपयश से सम्बन्ध है. चतुर्थी तिथि को रिक्ता और खला कहा जाता है. इसमें शुभ कार्य वर्जित होते हैं. इस दिन चन्द्र दर्शन से अपयश और कलंक लग सकता है.
इसलिए इस दिन चन्द्र दर्शन निषेध होता है.
इस दिन गणेश जी की उपासना करके अगर चन्द्रमा को नीची निगाह से अर्घ्य दें तो अपयश का दोष भंग हो जाता है.
इसीलिए महिलाएं चन्द्रमा को छन्नी या परछाई में देखती हैं.
अपयश को दूर करने के लिए क्या कर सकते हैं
- भगवान् गणेश के सामने घी का दीपक जलाएं.
- उन्हें लड्डू का भोग लगाएं.
- इसके बाद "वक्रतुण्डाय हुं" का कम से कम 108 बार जाप करें.
- सफेद फूल वाले जल से नीची निगाह से चन्द्रमा को अर्घ्य दें .
- आपके लिए अपयश का योग भंग हो जाएगा.